देशपाल सौरोत/हप्र
पलवल, 8 फरवरी
पलवल के नेशनल हाईवे-19 पर चल रहे किसानों के धरने को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है, जिससे किसानों का प्रदर्शन मजबूत हो रहा है। किसान कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े हैं तो वहीं सोमवार को किसानों ने धरना स्थल पर अपने-अपने गावों में भाजपा के मंत्रियों और विधायकों को सरकारी कार्यक्रम नहीं करने देने का प्रस्ताव हाथ उठाकर पास किया। किसानों ने प्रस्ताव पारित किये कि आने वाले दिनों में भाजपा के मंत्रियों, सांसदों व विधायकों को लोग अपने-अपने गावों में कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं करने देंगे। यदि कोई कार्यक्रम होता भी है तो उनका काले झंडों के साथ या सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर किसान विरोध करेंगे। साथ ही ये भी प्रस्ताव सर्व सम्मति से पास किया गया कि जो भी व्यक्ति आज किसान आंदोलन में साथ नहीं दे रहा है या किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं कर रहा है आने वाले समय में वो पंचायत के सदस्य से लेकर सरपंच, विधायक या लोकसभा चुनाव लड़ता है तो किसान और समाज के लोग उनका बहिष्कार करेंगे। किसान उन्हें छोड़कर किसी और प्रत्याशी को वोट देंगे।
पलवल में 52 पालों के नेतृत्व में चल रहा किसानों का धरना सोमवार को लगातार आठवें दिन जारी रहा। आज जहां अलग-अलग पालों व गावों के लोग धरने पर समर्थन करने पहुंचे। सोमवार को होड़ल से पूर्व विधायक एवं कृभको भारत सरकार के पूर्व चेयरमैन चौधरी उदयभान धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों को समर्थन दिया। इस मौके पर 52 पालों के अध्यक्ष अरुण जेलदार, नैन खाप से सूबे सिंह नैन, हरियाणा के पूर्व केबिनेट मंत्री करण दलाल मौजूद रहे। इस दौरान किसानों ने नारेबाजी की। पूर्व विधायक उदयभान ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को कृषि कानून वापस लेने ही होंगे।