दिनेश भारद्वाज/टि्रन्यू
चंडीगढ़, 29 सितंबर
भले ही, कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में पार्टी डेलीगेट्स की लिस्ट को लेकर रहस्य बनाया हुआ है, लेकिन दैनिक ट्रिब्यून को विश्वस्त सूत्रों से डेलीगेट्स की सूची प्राप्त हुई है। कुछ वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने इस सूची के सही होने के संकेत दिए हैं, लेकिन अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। पार्टी के ये 195 वे डेलीगेट्स हैं, जिन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में वोटिंग का अधिकार होगा।
पचास के करीब को-आॅप्टेड डेलीगेट्स बनाए जाने हैं, लेकिन उनका फैसला बाद में होगा। हालांकि पार्टी प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान का साफ कहना है कि उनकी ओर से डेलीगेट्स की लिस्ट संगठनात्मक चुनावों के इंचार्ज मधुसूदन मिस्त्री के पास भेजी जा चुकी है। मिस्त्री की मुहर के बाद उनके पास लिस्ट आएगी, तो ही वे उसे पब्लिक करेंगे।
अहम बात यह है कि लिस्ट में राज्य के सभी वरिष्ठ नेताओं यानी की धड़ों को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है। लिस्ट में शामिल नामों की समीक्षा करें तो ऐसा प्रतीत होता है पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का इसमें वर्चस्व है। हालांकि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्य कुमारी सैलजा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व मंत्री किरण चौधरी व कैप्टन अजय सिंह यादव सरीखे नेताओं और उनके समर्थकों के भी मान-सम्मान का ख्याल रखा गया है।
अहम बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस का संगठन पिछले करीब 8 वर्षों से नहीं बन पाया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सत्ता में रहते हुए डा. अशोक तंवर को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई। उन्होंने प्रदेश से लेकर जिला व ब्लाक सहित सभी कार्यकारिणियों को भंग कर दिया था। इसके बाद वे आखिर तक जोर लगाते रहे, लेकिन संगठन का गठन नहीं कर पाए। तंवर के बाद कुमारी सैलजा भी प्रदेशाध्यक्ष रहीं, लेकिन उनकी राहों में भी गुटबाजी और अंतर्कलह के रोड़े अटके रहे।
हालांकि चौ़ उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर पार्टी हाईकमान ने एक तरह से हुड्डा को ‘फ्री-हैंड’ दिया है, लेकिन जिस तरह से डेलीगेट्स की लिस्ट को अंतिम रूप देने में ही पसीने छूटे हैं, उसे देखते हुए प्रदेश कार्यकारिणी तथा जिला व ब्लाक अध्यक्षों का चयन आसान नहीं रहने वाला। यहां बता दें कि डेलीगेट्स को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग के अधिकार हैं। प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव सचिव, संगठन सचिव, कोषाध्यक्ष आदि पदों का चयन भी डेलीगेट्स और को-आप्टेड सदस्यों में से ही होगा।