दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 19 जून
हरियाणा विधानसभा सचिवालय ने केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ को 1966 में पंजाब और हरियाणा के बीच हुए बंटवारे का रिकार्ड मुहैया करवा दिया है। अब यूटी के चीफ इंजीनियर और अन्य अधिकारी जगह को लेकर फैसला करेंगे। दोनों राज्यों की विधानसभा एक ही बिल्डिंग में चल रही है। दोनों राज्यों के बीच जगह को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। हरियाणा ने नये सिरे से मार्किंग की मांग की हुई है। यूटी प्रशासन अब तय करेगा कि पंजाब के पास कितनी जगह रहेगी और हरियाणा के हिस्से में कितनी जगह आएगी।
मार्च में बजट सत्र के दौरान 9 अकाली विधायकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर हमले की कोशिश की थी। इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर-3 थाना में केस भी दर्ज किया हुआ था। इसके बाद ही स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने मार्किंग का मुद्दा उठाया। विस परिसर में जगह को लेकर वे पंजाब के स्पीकर राणा केपी सिंह को पत्र भी लिख चुके हैं। इस बाबत वे पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनोर को भी चिट्ठी लिख चुके हैं। यूटी प्रशासक के दखल के बाद ही अधिकारियों ने दोनों विधानसभाओं के विवाद को सुलझाने के लिए 1966 में बंटवारे के समय हुए समझौते का रिकार्ड खंगाला। यूटी के पास रिकार्ड नहीं मिला तो स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को इसके बारे में अवगत करवाया गया।
स्पीकर ने सचिवालय में मौजूदा बंटवारे की मीटिंग के एजेंडे की प्रोसिडिंग यूटी के चीफ इंजीनियर के पास भिजवा दी है। हरियाणा का यह आरोप है कि पंजाब विधानसभा ने उनके हिस्से के 20 कमरों पर कब्जा किया हुआ है। यूटी प्रशासन को मुहैया करवाए गए रिकार्ड में प्रोसिडिंग में ये कमरे हरियाणा के नाम अलॉट हैं। इतना ही नहीं, इन कमरों की नंबरिंग भी हरियाणा विधानसभा के नाम है।
60-40 के अनुपात में से हरियाणा के पास फिलहाल करीब 27 प्रतिशत की जगह है। बाकी 13 प्रतिशत पर पंजाब का कब्जा है। जगह कम होने की वजह से हरियाणा विधानसभा के अधिकारियों व कर्मचारियों को दिक्कत आ रही है। पंजाब ने हरियाणा के जिन कमरों पर कब्जा कर रखा है, उनमें से कई में पंजाब के कार्यालय चल रहे हैं। कुछ कमरों को स्टोर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह को लिखे पत्र में 20 कमरों का मुद्दा उठाया था। इस बाबत वे फोन पर भी पंजाब विस के स्पीकर से बात कर चुके हैं।
हालांकि बाद में पंजाब विधानसभा स्पीकर ने दो-टूक कह दिया था कि पंजाब के पास हरियाणा को देने को कोई जगह नहीं है।
विधानसभा में है कुल 66 हजार 430 वर्ग फीट जगह
विधानसभा में कुल 66 हजार 430 वर्ग फीट जगह है। नवंबर-1966 में दोनों राज्यों के बीच हुए बंटवारे के तहत पंजाब को 30 हजार 890 वर्ग फीट जगह मिली थी। वहीं पंजाब विधान परिषद सचिवालय को 10 हजार 910 वर्ग फीट और हरियाणा विधानसभा सचिवालय को 24 हजार 630 वर्ग फीट जगह का आवंटन हुआ था। हरियाणा के पास वर्तमान में 20 हजार वर्ग फीट के करीब जगह है। यह आवंटित जगह का 27 फीसद है। 1966 में हरियाणा विधानसभा के 54 विधायक थे। 1967 में 81 सदस्यीय विधानसभा हो गई और 1977 के बाद से विधानसभा सदस्यों की संख्या 90 है।