अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 7 जून
सरकार भले ही पर्यावरण संरक्षण के नाम पर करोड़ों का बजट खर्च करती हो, लेकिन उनके ही रक्षक हरियाली मिटाने में लगे हुए हैं। वन विभाग के अधिकारियों के नाक के नीचे तोशाम आरा मशीनों पर हरे पेड़ों का खुले आम सौदा होता है। सरकार हरियाली को बढ़ावा देने के लिए लाखों की लागत से पौधे रोपित करवाती है और लोगों को इस बारे में प्रोत्साहित भी करती रहती है। वहीं, कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए हरे पेड़ों की बलि देकर अवैध मुनाफा कमा रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा लकड़ी माफिया पर कार्रवाई नहीं करने पर मिलीभगत की बू आ रही है और तोशाम में लगभग हर रोज 150 के ट्रैक्टर, गाड़ियां भरकर आरा मशीनों पर बेचा जा रहा है। दो माह पहले सीएम फ्लाइंग ने छापा मारा था, लेकिन उसके बाद भी वन विभाग नींद से नहीं जागा है। खेतों से भी अगर हरी लकड़ियां काटनी होती हैं तो पहले वन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है और इसके बाद ही हरे पेड़ काटे जा सकते हैं। बिना अनुमति के हरा पेड़ काटना जुर्म है। तोशाम जूई-सिवानी मार्ग पर सीएम फ्लाइंग ने तोशाम में एक अप्रैल को छापा मारकर 32 ट्रैक्टर व गाड़ियों को पकड़ा था। छापा मारने के बाद भी हरी लकड़ी का खेल जारी है और धड़ल्ले से गाड़ियां भरकर जुई मार्ग पर खाली पड़ी जगह में लगा देते हैं। उसके बाद आरा संचालक आकर उनकी बोली लगाते हैं।
तोशाम में लगभग 100 से अधिक आरा मशीनें हैं और यहां से लकड़ियां चीर कर विभिन्न स्थानों पर भेजी जाती हैं। पिछले काफी दिनों से राजस्थान से हरियाणा में हरी लकड़ियों की तस्करी की जा रही है। यह वाहन बेखौफ होकर राजस्थान से हरियाणा में आते हैं।