अम्बाला, 4 अक्तूबर (निस)
नारायणगढ़ चीनी मिल से जुड़े 7 हजार किसानों की बकाया गन्ना भुगतान की उम्मीद एक बार फिर टूट रही है। 4 अक्तूबर तक भुगतान करने का जो दबाव किसान संगठनों ने मिल पर बनाया था उसका असर मिल प्रबंधन पर नहीं पड़ा है। इसके चलते अम्बाला, पंचकूला व यमुनानगर जिलों के 7 हजार किसानों का 70 करोड़ रुपया फिर मिल प्रबंधन की ओर रह गया है। किसानों का कहना है कि पैसे की कमी के चलते उनकी खेती प्रभावित हो रही है और वे अपने लिये कर्ज की किश्त तक नहीं दे पा रहे। प्रबंधन के आला अधिकारी ने बताया कि फिलहाल मिल के पास पैसा नहीं है तो भुगतान कहां से हो सकता है। इसी बीच आज गन्ना संघर्ष समिति ने मिल प्रबंधन पर फिर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। समिति के प्रधान विनोद राणा कहते हैं कि अगर मिल ने भुगतान नहीं दिया तो गन्ना किसानों को प्रबंधन के खिलाफ धरने पर बैठना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पिछले साल का फसल का पैसा मिल ने दिया नहीं है जबकि अगला पेराई सत्र शुरू होने वाला है। राणा ने सरकार से मांग की है कि अगर मिल ने जल्द गन्ने का भुगतान नहीं किया तो समिति सरकार के खिलाफ भी प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेगी।