सोनीपत, 2 अप्रैल (हप्र)
सरकार से बातचीत का रास्ता नहीं खुलने से किसानों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। आंदोलन को तेज करने के लिए किसानों ने केएमपी को 24 घंटे के लिए जाम करने के अलावा संसद कूच का निर्णय लिया है। किसानों के फैसलों को देखते हुए सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। वहीं दोबारा से टकराव के आसार बढ़ने लगे हैं। माना जा रहा है कि किसानों को रोकने का प्रयास होगा, तो वह बवाल करेंगे। ऐसे में सरकार दोबारा किसानों से बातचीत का रास्ता खोल सकती है। किसानों व सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, तो गृहमंत्री अमित शाह भी किसानों से वार्ता कर चुके हैं। इसके बावजूद कोई हल नहीं निकल सका है।
सरकार की वजह से बढ़ रहा आंदोलन : चढ़ूनी
किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने आंदोलन को तेज करने का ठीकरा भी सरकार पर फोड़ा। चढ़ूनी का कहना है कि किसान पिछले चार महीने से ज्यादा समय से बॉर्डर पर बैठे हुए हैं और सरकार कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। किसान नहीं चाहते कि किसी तरह का बवाल हो और यह साफ कर दिया है कि संसद कूच शांतिपूर्ण तरीके से होगा।