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सरस्वती तीर्थ का महिला घाट बना नशेड़ियों का अड्डा

पिहोवा (निस) पिहोवा का सरस्वती तीर्थ इन दिनों नशेड़ियों का अड्डा बनता जा रहा है। सरस्वती तीर्थ के आसपास जहां नशेड़ी अपना नशा पूर्ण करने के लिए बैठे रहते हैं। वहीं, सरस्वती के तट पर ही छोटे बच्चे रुपयों, सिक्कों...
पिहोवा के सरस्वती तीर्थ के महिला घाट पर पड़े सिरिंज व नशे की सामग्री। -निस
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पिहोवा (निस)

पिहोवा का सरस्वती तीर्थ इन दिनों नशेड़ियों का अड्डा बनता जा रहा है। सरस्वती तीर्थ के आसपास जहां नशेड़ी अपना नशा पूर्ण करने के लिए बैठे रहते हैं। वहीं, सरस्वती के तट पर ही छोटे बच्चे रुपयों, सिक्कों के साथ जुआ खेलते रहते हैं। पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर महिला घाट का तो सबसे ही बुरा हाल है। महिला घाट को नशेड़ी लोग अपने नशे की पूर्ति के लिए प्रयोग में ला रहे हैं। इस महिला घाट पर दर्जनों की तादाद में पड़े इंजेक्शन व एविल की शीशियां इधर-उधर बिखरी हुई पड़ी है, जिन्हें नशा करने वाले प्रयोग में लाने के बाद गिरा देते हैं। इतना ही नहीं महिला घाट पर सिरिंज के रैपर हवा में उड़ते हुए इधर-उधर फैल कर इन नशेड़ियों की दास्तान सुना रहे हैं। नशा लेने के बाद गिराये गए इंजेक्शन नशे की खाली शीशियां रैपर इधर-उधर पड़े इन नशेबाजों की गाथा सुना रहे हैं। कहने के लिए तीर्थ की साफ-सफाई के लिए पालिका ने यहां का ठेका दिया हुआ है, परंतु इन सफाई कर्मचारियों ने कभी इस महिला घाट की सफाई ही नहीं की। आवारा पशुओं के गोबर स्थान स्थान पर लगे गंदगी के ढेर सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। प्रशासन व सरकार भी सरस्वती के विकास के दावे कर रहे हैं, परंतु उनके विकास के दावों की पोल इधर-उधर बिखरा नशे का सामान सुना रहा है। महिला घाट पर ही देह व्यापार का धंधा भी हो रहा है। हैरानी की बात है कि प्रशासन ने सब कुछ जानते हुए भी इसकी रोकथाम के लिए कोई कदम ही नहीं उठाया।

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