कलायत, 2 सितंबर (निस)
ग्रामीण अंचल को शहरी क्षेत्र में शामिल करने पर लोग आपत्ति दर्ज करवाने लगे हैं। इस संदर्भ में गांव बात्ता की सुनीता और पिंकी देवी ने कलायत एसडीएम रिगन कुमार को ज्ञापन सौंपा है।
इसमें इन्होंने उपमंडल के गांव बात्ता, दुमाड़ा, कैलरम, बड़सीकरी कलां, खरक पांडवां, मटौर, बीड़ खडालवा, चौशाला, रामगढ़ पांडवा, शिमला, पिंजुपुरा, कौलेखां, खेड़ी लांबा और दुब्बल को अर्बन एरिया से हटाने की मांग की है। इनका कहना है कि पहले ये गांव ग्रामीण अंचल में शामिल थे। जमीनी संबंधित कार्य भी ग्रामीण क्षेत्र के तहत ही होते थे। जमीनी संबंधित कार्य करवाते समय उन्हें महिला के नाम से तीन प्रतिशत और पुरुष के नाम पर पांच प्रतिशत स्टांप शुल्क जमा करवाना पड़ता था। अब हरियाणा सरकार के राजस्व विभाग ने नया सॉफ्टवेयर बनाया गया है, जिसके तहत उपरोक्त गांवों को शहरी क्षेत्र में शामिल किया गया है।
सरकार की नई नीति के तहत अब उन्हें जमीनी रजिस्ट्री करवाते समय महिला के नाम पांच और पुरुष के नाम पर सात प्रतिशत स्टांप शुल्क जमा करवाना होगा।
इनका कहना है कि जब उन्हें सहूलियत ग्राम स्तर की मिल रही हैं तो शहरी क्षेत्र की स्टांप ड्यूटी लगाना अन्याय है। उन्होंने प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस दिशा में कार्रवाई की मांग की है।