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गीता स्थली से पूरे विश्व को मिल रहा शांति का संदेश : मनोहर लाल

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव : मुख्यमंत्री ने असम के सीएम संग हवन-यज्ञ में डाली पूर्णाहुति

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कुरुक्षेत्र में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करते केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल। -हप्र
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विनोद जिन्दल/हप्र

कुरुक्षेत्र, 23 दिसंबर

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गीता स्थली ज्योतिसर में हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने कर्म के मार्ग पर चलने के लिए गीता के उपदेश दिए थे। इस गीता स्थली ज्योतिसर से आज भी उपदेशों के माध्यम से पूरे विश्व को शांति का संदेश मिल रहा है। जो व्यक्ति, जो देश इन उपदेशों का अनुसरण करेगा वह निश्चित ही तरक्की करेगा। ये उद‍्गार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में गीता स्थली ज्योतिसर में पवित्र ग्रंथ गीता की पूजा-अर्चना करने के अवसर पर बोलते हुए व्यक्त किए।

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इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल, असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिसवा सारमा, विधायक सुभाष सुधा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती, भाजपा महामंत्री डॉ. पवन सैनी ने सरकार की तरफ से करीब 206 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे ज्योतिसर अनुभव केन्द्र का अवलोकन किया और यहां असम के मुख्यमंत्री को इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल व असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिसवा सारमा ने गीता जयंती पर चल रहे यज्ञ में पूर्णाहुति डाली और विश्व शान्ति के लिए पूजा की। इसके उपरांत पवित्र ग्रंथ गीता का पूजन किया और जिस वट वृक्ष के नीचे हजारो वर्ष पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन का मोह भंग करने के लिए उपदेश दिए थे, उस वटवृक्ष को भी देखा।

वहीं, थीम पार्क में ‘एक मिनट-एक साथ गीता के वैश्विक पाठ’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज का विश्व कोरोना जैसी महामारी तथा युद्ध जैसी विभीषिका के कारण अपने आपको अंधेरी कोठरी में असहाय समझ रहा है। ऐसे हालात में हर किसी को भारत से आशा बंधी है कि उसकी संस्कृति व गीता रूपी विरासत दुनिया को बचा सकती है।

पिपली में सिख गुरुओं की स्मृति में बनेंगे स्मारक

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि कुरुक्षेत्र के पास पिपली में संत रविदास तथा सिख गुरुओं की स्मृति में स्मारक बनाये जाएंगे ताकि लोग उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा ले सकें। श्रद्धालुओं को कुरुक्षेत्र के पास 48 कोस के तीर्थों का भ्रमण करवाने के लिए जल्द ही बसों की सुविधा शुरू करवाने की भी बात कही। वे आज कुरुक्षेत्र में 48 कोस तीर्थ सम्मलेन के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने 48 कोस की परिधि में स्थित 182 तीर्थों की जानकारी से संबंधित एक पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर विधायक सुभाष सुधा, गीता ज्ञान संस्थानम के अध्यक्ष स्वामी ज्ञानानंद महाराज, विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक दिनेश भी उपस्थित थे। दूसरी ओर मुख्यमंत्री द्वारा कुरुक्षेत्र विवि के फैकल्टी लॉज के प्रांगण में स्वामी विवेकानंद की धातु की प्रतिमा का अनावरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा तथा स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के निर्माण में योगदान के लिए ललित कला विभाग के शिक्षकों व उनकी टीम को बधाई दी।

जल्द आऊंगा परिवार के साथ : हेमंत बिस्व सरमा

श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर में असम के सीएम हेमंत बिस्व सरमा को मां का स्वरूप देकर सम्मानित करते मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा तथा अन्य। -हप्र

असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को हरियाणा के एकमात्र शक्तिपीठ देवीकूप मां भद्रकाली मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। शक्तिपीठ में पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा व स्वागत समिति सदस्यों द्वारा सीएम का स्वागत किया गया। उन्होंने पूजा में भगवान श्री कृष्ण की विजयी अश्व चढ़ाने की परंपरा को निभाया और चांदी घोड़े अर्पित किए। उन्होंने कहा कि अगले माह श्रीरामलला के दर्शन के बाद शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर में परिवार के साथ पूजा करने आऊंगा।

‘असमवासी भगवान कृष्ण को मानते हैं दामाद’

गीता महोत्सव में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमन्त बिस्वा सरमा ने कहा कि कुरुक्षेत्र में महाभारत के समय में पूरे भारत का संगम हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण का असम से गहरा संबंध था। श्रीकृष्ण की पत्नी रुकमणी असम से थी। इसलिए असम में श्रीकृष्ण को दामाद मानते हैं।

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