रणजीत गुप्ता/निस
शाहाबाद मारकंडा, 12 दिसंबर
भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि 700 किसानों की शहीदी के बाद किसान आंदोलन की जीत हुई है। किसानों के एकजुटता और संघर्ष के कारण सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े। दिल्ली बॉर्डर से शाहाबाद पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत में चढ़ूनी ने कहा कि अधिकार मांगने से नहीं मिलते और सवा साल के लंबे संघर्ष के बाद किसानों ने सरकार का हठ तोड़ा है।
चढ़ूनी ने कहा कि 15 दिसंबर को किसानों का जत्था अमृतसर पहुंचेगा और दरबार साहिब में मात्था टेकेंगे। चढ़ूनी ने यह भी कहा कि यह आंदोलन स्थगित हुआ है खत्म नहीं हुआ है। इसलिए सरकार ने जितनी बातों पर हामी भरी है, उस पर नजर रखने की जरूरत है। इसलिए 15 जनवरी को बैठक बुलाई है, ताकि सरकार अपनी बातों पर हेरफेर न करे। अगर सरकार अगर कोई गड़बड़ी करती है तो किसान आंदोलन के लिए फिर से तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन की जीत से पूंजीवाद ब्रेक लगी है और यह जीत दुनिया के लिए सबक है लोग पूंजीवाद नहीं समाजवाद चाहते हैं। इससे पहले शाहाबाद के गांव रतनगढ़ में नरेंद्र सिंह हैप्पी चीमा और मारकंडा पुल पर जसबीर सिंह मामूमाजरा, पवन बैंस व पंकज हबाना के नेतृत्व में इस काफिले का जोरदार स्वागत किया गया। काफिले के शाहाबाद पहुंचने पर आतिशबाजी और पुष्पवर्षा की गई। इस अवसर पर राकेश बैंस, जसबीर सिंह मामूमाजरा, पवन बैंस, पंकज हबाना, समय सिंह बीबीपुर, साहब सिंह त्यौड़ा, विक्की मदान, जसबीर सिंह शिंगारी, मलकीत सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।