चंडीगढ़, 1 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने धान की खरीद को लेकर आए नये निर्णय पर कहा कि सरकार ने धान खरीद में अन्नदाता का मजाक बनाकर रख दिया है। किसान लाखों क्विंटल धान प्रदेश की मंडियों में ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर ला चुके हैं। सरकार बताए कि अब किसान इस फसल का क्या करें और कहां ले जाएं।
हुड्डा ने कहा कि किसान एक तरफ मौसम और दूसरी तरफ सरकार की नीयत और नीतियों की मार झेल रहा है। अधिक बारिश की वजह से किसान की खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई और अब उसे सरकारी लेटलतीफी का शिकार होना पड़ रहा है। मंडी में खुले आसमान के नीचे धान लेकर बैठे किसान के सामने मौसम अब भी चुनौती बना हुआ है। 24 घंटे उस पर बारिश से धान खराब होने का खतरा मंडरा रहा है।
सरकारी खरीद के इंतजार में किसान प्राइवेट एजेंसियों के हाथों लुट रहे हैं। मजबूरी में उन्हें एमएसपी से कम रेट पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है, इसलिए सरकार को बिना देरी किए खरीद शुरू करनी चाहिए। जिन किसानों ने एमएसपी से कम रेट पर फसल बेची है, उनके नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। हुड्डा ने हड़ताल पर गए मंडी में काम करने वाले मजदूरों की मांगों का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मजदूरी में कटौती करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।
कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में गरीब मजदूरों के मेहनताने में कटौती करना उनके साथ अन्याय है। ऐसा लगता है किसान और कमेरे से गठबंधन सरकार बिल्कुल मुंह मोड़ चुकी है।