यमुनानगर, 4 अक्तूबर (हप्र)
यमुनानगर में ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें हरियाणा के कई किसानों की जमीन को हिमाचल व उत्तर प्रदेश के किसानों का दिखा दिया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। वही हरियाणा कृषि विभाग ने भी इस मामले में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को विस्तृत जांच करवाकर एक्शन लेने के लिए कहा है।
यमुनानगर जिला के साढौरा व जगाधरी ब्लॉक के कई किसानों ने 1 अक्तूबर से 3 अक्तूबर तक खोले गए मेरी फसल मेरा ब्योरा के पोर्टल पर जब अपनी फसल का पंजीकरण करवाना चाहा तो पता चला कि उनकी जमीन अब उनकी नहीं रही, बल्कि वह हिमाचल व उत्तर प्रदेश के किसानों के नाम है। जिस पर किसानों के पैरों तले जमीन खिसक गई। ऐसे एक-दो मामले नहीं कई मामले सामने आए हैं। यमुनानगर जिला में साडोरा ब्लॉक में डेढ़ सौ एकड़ जमीन है, जबकि अन्य ब्लॉकों में भी डेढ़ सौ एकड़ के लगभग जमीन है जो है तो हरियाणा के किसानों की लेकिन वह पोर्टल पर हिमाचल अथवा उत्तर प्रदेश के किसानों की दिखाई गई है। पोर्टल पर हुई इस हेराफेरी के बाद किसान परेशान हैं। इस संबंध में किसानों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
जल्द होगा खुलासा : डिप्टी डायरेक्टर
कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. जसविंदर सैनी ने बताया कि उनके पास भी इस तरह की शिकायत आई है, जिसमें किसानों ने जब पंजीकरण करवाना चाहा तो उन्हें पता चला कि यह जमीन हिमाचल के किसानों के नाम है जिसमें किसानों ने एफआईआर दर्ज करवाई है। सैनी ने बताया कि उन्होंने विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखकर विस्तृत जांच करवा कर आगे एक्शन लेने का अनुरोध किया है। डिप्टी डायरेक्टर का कहना है कि यह फर्जीवाड़ा सीएससी सेंटर व आढ़ती की मिलीभगत से हुआ लगता है। डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि यमुनानगर जिला में 88000 हेक्टेयर में धान की फसल है और जिस किसान ने पोर्टल पर फसल का पंजीकरण करवाया है उनकी फसल मंडी में खरीदी जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्दी ही इस मामले में खुलासा होगा कि यह फर्जीवाड़ा कहां व किस तरह से हुआ।