चंडीगढ़, 2 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा में जहरीली शराब से 47 लोगों की मौत और अवैध शराब बिक्री से जुड़े मामलों में आई अलग-अलग कमेटियों की रिपोर्ट सरकार ने संयुक्त कर दी हैं। आईएएस टीसी गुप्ता, एडीजीपी श्रीकांत जाधव व कला रामचंद्रन की अध्यक्षता वाली कमेटियों की रिपोर्ट पर अब चीफ सेक्रेटरी विजय वर्धन स्टडी करेंगे। वे तीनों रिपोर्ट एक साथ जांचेंगे और इसके बाद अपनी सिफारिश सरकार को करेंगे। इस सिंगल मेम्बरी कमेटी की सिफारिशों पर ही सरकार काम करेगी।
ये तीनों ही कमेटियां प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के आदेश व सिफारिशों पर गठित हुई थी। लॉकडाउन के दौरान शराब की अवैध बिक्री के मामले सामने आने के बाद विज ने वरिष्ठ आईएएस टीसी गुप्ता की अध्यक्षता में एसईटी का गठन किया था। एसईटी में उस समय एडीजीपी मोहम्मद अकील व एक्साइज विभाग के अधिकारी विजय कुमार शामिल थे। एसईटी की रिपोर्ट में एक्साइज के साथ पुलिस डिपार्टमेंट की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए थे। पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की शराब घोटाले में भूमिका की जांच के लिए विज ने एडीजीपी कला रामचंद्रन की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया। रामचंद्रन कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट गृह सचिव राजीव अरोड़ा को सौंप दी है। नवंबर माह में फरीदाबाद, सोनीपत व पानीपत में जहरीली शराब से 47 लोगों की मौत हुई। विज ने इसकी जांच के लिए एडीजीपी श्रीकांत जाधव की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया। पहली फरवरी को जाधव कमेटी ने अपनी रिपोर्ट गृह सचिव को दी थी।
विज के आदेश पर गृह विभाग ने रिपोर्ट की स्टडी की। पिछले सप्ताह ही विज ने सिफारिशों के बाद एसआईटी की रिपोर्ट सीएम को भेजी थी। वहीं लॉकडाउन में हुए शराब घोटाले की जांच रिपोर्ट पहले से सीएमओ में थी। कला रामचंद्रन कमेटी की रिपोर्ट भी सीएमओ में तलब कर ली गई है। इस बीच, मंगलवार को सीएम मनोहर लाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि तीनों कमेटियों की जांच रिपोर्ट का अध्ययन मुख्य सचिव करेंगे।
चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बनी इस सिंगल मेम्बरी हाई पावर कमेटी में अगर मुख्य सचिव चाहेंगे तो किसी भी विभाग के अधिकारी को अपने साथ जोड़ सकेंगे। तीनों रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद विजय वर्धन मुख्यमंत्री को सिफारिश करेंगे। इसके बाद उन सिफारिशों को राज्य में लागू किया जाएगा। सीएम ने स्पष्ट किया कि अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की बात होगी तो उस पर भी अमल किया जाएगा।
डिपार्टमेंट की थपथपाई पीठ
सीएम ने आबकारी एवं कराधान विभाग की पीठ भी थपथपाई। आंकड़ों का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा, 2014 में एक्साइज ड्यूटी 3697 करोड़ रुपये थी। 2020 में यह बढ़कर 7 हजार करोड़ हो गई है। अभी और भी रिकवरी होगी। इसी तरह से जीएसटी व सेल्स टैक्स कलैक्शन 2013-14 में 16 हजार 700 करोड़ था, जो 2020-21 में 36 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यहां बता दें कि आबकारी एवं कराधान विभाग डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला के पास है। सीएम ने कहा कि इसी तरह से खनन विभाग में 2013-14 में 79 करोड़ का राजस्व मिला था, लेकिन 2020-21 में 950 करोड़ रुपये का राजस्व आया है।
20 मई से लागू हो सकता है बजट
सीएम ने संकेत दिए कि सरकार वित्तीय वर्ष में बदलाव कर सकती है। आमतौर पर पहली अप्रैल से 30 मार्च तक का वित्तीय वर्ष होता है। इस बार वित्तीय वर्ष 20 मई से शुरू हो सकता है। इसे 31 मार्च को भी खत्म किया जा सकता है और 19 मई को भी। सीएम ने कहा कि कोरोना काल की वजह से वित्तीय वर्ष में 49 दिन की बढ़ोतरी करनी पड़ी है। हर सरकार के अलग-अलग वित्तीय वर्ष होते हैं। पंजाब का वित्तीय वर्ष अक्तूबर में खत्म होता है।