चंडीगढ़, 25 जून (ट्रिन्यू)
आप के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ़ सुशील गुप्ता ने कहा कि रविवार को मानसून की पहली बारिश में ही प्रदेश के हालात बिगड़ गए। जारी बयान में उन्होंने कहा कि पहली बारिश ने ही खट्टर सरकार के विकास के दावों की पोल खोल कर रख दी है। हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी हालात जस के तस हैं। मिलेनियम सिटी के नाम से विख्यात गुरुग्राम की सड़कें मानसून की पहली बारिश में ही लबालब हो गईं। ज्यादातर सड़कें पानी से भरकर तालाब बन गई हैं। उन्होंने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा कि गुरुग्राम में 2016 से 2023 तक एक हजार करोड़ रुपये वर्षा जल प्रबंधन पर खर्च हो गए हैं, जबकि हालात में कोई खास बदलाव नहीं आया। वहीं पूरे प्रदेश की बात करें तो 2021-22 में ही वर्षा जल प्रबंधन को लेकर सात हजार करोड़ से ज्यादा बजट खर्च किया जा चुका है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।