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सड़क दुर्घटना घटित होने के एक घंटे का समय पीड़ित के लिए गोल्डन ऑवर

चंडीगढ़, 19 फरवरी (ट्रिन्यू) हरियाणा की गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर केंद्र सरकार ने गहरी चिंता जताई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संदर्भ...

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चंडीगढ़, 19 फरवरी (ट्रिन्यू)

हरियाणा की गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर केंद्र सरकार ने गहरी चिंता जताई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संदर्भ में राज्य पुलिस को दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। डॉ. मिश्रा ने बताया कि सड़क दुर्घटना के बाद पहला घंटा, जिसे गोल्डन ऑवर कहा जाता है, पीड़ित के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण होता है। यदि इस समय में पीड़ित को नजदीकी अस्पताल पहुंचा दिया जाए, तो अमूल्य जीवन को बचाया जा सकता है।

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हरियाणा पुलिस ने इस दिशा में एक अनूठी पहल करते हुए घायल व्यक्तियों को कैशलेस उपचार की सुविधा देने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस सुविधा के तहत दुर्घटना के बाद पीड़ित को डेढ़ लाख रुपये तक की कैशलेस उपचार सुविधा दी जाती है। यह सुविधा दुर्घटना की तिथि से अधिकतम सात दिन तक उपलब्ध होती है। अब तक 21 व्यक्तियों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी, राज्य पुलिस और राज्य स्वास्थ्य विभाग की साझेदारी में सरकार के पैनल अस्पतालों में उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है।

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अस्पताल प्रबंधन घायल का डेटा अपने सॉफ़्टवेयर में अपलोड करेगा और संबंधित पुलिस थाने को सूचित करेगा। पुलिस थाना 6 घंटे के भीतर पुष्टि करेगा कि घायल व्यक्ति सड़क दुर्घटना का शिकार हुआ है या नहीं। पुष्टि के बाद कैशलेस उपचार की सुविधा दी जाएगी। यह सुविधा मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 162 के तहत उपलब्ध होगी।

घातक पेड़ों पर चेतावनी चिन्ह लगाएं जाएं : डॉ. मिश्रा

डॉ. मिश्रा ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर दुर्घटना संभावित क्षेत्रों और घातक मोड पर चेतावनी चिन्ह जैसे ‘कैट आई’ लगाए जाएं। साथ ही, लोगों को यातायात नियमों के पालन के लिए जागरूक करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों की सहायता में आम नागरिकों को भी आगे आना चाहिए।

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