किसान की बेटी ने सात समुंदर पार चमकाया देश का नाम
चंडीगढ़, 11 जून (ट्रिन्यू) यदि हौसले बुलंद हों और इरादे मजबूत तो गांव की गलियों से निकलकर भी बेटियां सात समुंदर पार अपना और अपने देश का नाम रोशन कर सकती हैं। ऐसा ही कर दिखाया है हिसार गांव कुलेरी...
चंडीगढ़, 11 जून (ट्रिन्यू)
यदि हौसले बुलंद हों और इरादे मजबूत तो गांव की गलियों से निकलकर भी बेटियां सात समुंदर पार अपना और अपने देश का नाम रोशन कर सकती हैं। ऐसा ही कर दिखाया है हिसार गांव कुलेरी की बेटी पारुल नैन ने। एक किसान परिवार में जन्मी पारुल आज ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टीट्यूट में सीईओ के एग्ज़ीक्यूटिव असिस्टेंट जैसे अहम पद पर कार्यरत है।
पारुल नैन, किसान दयानंद नैन (पूर्व सरपंच) व सुनैना की बेटी हैं। पारुल नैन के पिता गांव में खेतीबाड़ी का कार्य करते हैं तथा माता सुनैना वर्तमान में सीएम उड़नदस्ता हिसार की इन्चार्ज हैं।
प्रशासन, शोध और नीति निर्माण में योगदान : पारुल की माता सुनैना ने बताया कि पारुल का अनुभव भारत में ज़िला स्तरीय प्रशासन, सार्वजनिक नीति अनुसंधान, और शैक्षणिक लेखन जैसे क्षेत्रों में रहा है। उन्होंने हरियाणा की विभिन्न सरकारी संस्थाओं में इंटर्नशिप भी की है।
पारुल की इस उपलब्धि पर गांव कुलेरी में गर्व और खुशी का माहौल है। उनके पिता दयानंद नैन व माता सुनैना का कहना है, ‘पारुल ने हमेशा बड़े सपने देखे और उन्हें सच करने के लिए दिन-रात मेहनत की। उसने साबित कर दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं। सुनैना ने कहा कि पारुल की कहानी उन लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद आगे बढ़ना चाहती हैं। गांव के एक साधारण किसान परिवार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचना आसान नहीं था, लेकिन पारुल ने यह करके दिखाया।

