सोनीपत, 25 अप्रैल (हप्र)
कोरोना काल में अस्पतालों में बुरा हाल हो चुका है। सामान्य मरीजों का उपचार नहीं किया जा रहा है, जिससे उनकी मौत हो रही है। शहर की ओल्ड हाउसिंग बोर्ड कालोनी के एक युवक को छाती में दर्द होने पर उसके परिजन तीन घंटे तक अस्पतालों में भर्ती कराने के लिए भटकते रहे, लेकिन किसी ने कोरोना बताकर भर्ती नहीं किया, तो किसी ने देखने तक से इंकार कर दिया, जबकि वह कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट भी दिखाते रहे। सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे, तो वहां से डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार करके रेफर कर दिया। इधर, पीजीआई रोहतक में भर्ती करते ही युवक की मौत हो गई। इसके बाद भी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव मिली। इस तरह प्राइवेट अस्पतालों के डाक्टरों की लापरवाही से एक युवक की जिंदगी चली गई। ओल्ड हाउसिंग बोर्ड कालोनी में रहने वाले कृष्ण गर्ग के बेटे शुभम गर्ग (24 वर्ष) को बुखार होने पर जांच कराई। जिसको कोरोना होने पर मेडिकल कालेज खानपुर में भर्ती कराया गया था।
ऐसा किसी के साथ न हो
अपने बेटे को खोने वाले कृष्ण गर्ग ने कहा कि अगर किसी भी अस्पताल में उनके बेटे का उपचार किया जाता, तो उनका बेटा बच जाता। लेकिन कोरोना नहीं होने के बावजूद उनके बेटे को उपचार नहीं दिया गया और कई अस्पतालों में देखने तक से इंकार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हर कोई उनको टालता रहा। इस तरह से किसी के साथ नहीं हो।