देशपाल सौरोत/हप्र
पलवल,25 अक्तूबर
पलवल जिले के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण सचिव (आरटीए) कार्यालय में हुए फर्जीवाड़े के मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। एक साथ जहां प्रदेश के 17 आरटीए सचिव बदल दिए हैं। वहीं पहली बार 6 डीएसपी स्तर के अधिकारी को आरटीए सचिव बनाया गया है। पलवल में उजागर हुए इस बड़े मामले में गिरफ्तार किए गए कंप्यूटर ऑपरेटर को रविवार को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है। वहीं कार्यालय का पूरा स्टाफ बदलकर रोडवेज विभाग के कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं।
क्या है मामला
मालूम हो कि सीएम फ्लाइंग के डीएसपी देवेंद्र कुमार ने 25 सितंबर को पलवल के कैंप पुलिस थाना में मामला दर्ज करवाया था कि पलवल आरटीए सचिव कार्यालय में फर्जी तरीके से व्यावसायिक और हेवी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का काम किया जा रहा है। इसमें आरटीए सचिव कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारी, क्लर्क, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित बाहरी लोग भी शामिल हैं। इस मामले में डीएसपी मुख्यालय अनिल कुमार ने मामले की जांच करते हुए हथीन सरल केंद्र में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर योगेश कुमार को 22 अक्तूबर को गिरफ्तार कर तीन दिन के पुलिस रिमांड लिया। इस दौरान आरोपी ने पुलिस के समक्ष कई राज उगले हैं। मिली जानकारी के अनुसार ऑपरेटर ने लगभग 150 से भी अधिक फर्जी व्यावसायिक और हेवी लाइसेंस जारी किए हैं। मामले में जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। पलवल में इस मामले के उजागर होने के बाद हरियाणा सरकार ने इस विभाग में आमूलचूल परिवर्तन किया है।
क्या कहते हैं डीएसपी मुख्यालय
जांच अधिकारी डीएसपी मुख्यालय अनिल कुमार ने कहा कि फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस मामले में गिरफ्तार कंप्यूटर ऑपरेटर से कई अहम जानकारी मिली हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए रिमांड के दौरान मिली जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।