सोनीपत, 21 सितंबर (हप्र)
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी),मुरथल के इंक्यूबेशन सेंटर के विद्यार्थियों ने ऐसा ड्रोन बनाया है जो बैटरी खत्म होने पर वापस अपने स्थान पर सुरक्षित लौट आता है। 10 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा में भी स्टेबल रह सकता है। ड्रोन जीपीएस के माध्यम से अपने गंतव्य स्थान पर जा सकता है। कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने भी इसके लिए बधाई दी है।
ड्रोन बनाने वाले विद्यार्थी वंश बत्रा ने बताया कि ये ड्रोन इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल की प्रेसिडेंट प्रो.सुमन सांगवान व कोऑर्डिनेटर डॉ.विकास नेहरा के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है।
प्रथम चरण में माइक्रो कंट्रोलर का ड्रोन बनाने में उपयोग किया, उसमें आयी कमियों को दूर करके फ्लाइट कंट्रोलर लगाकर ड्रोन बनाया। ड्रोन को लेकर कोडिंग स्वयं वंश बत्रा ने की है।
भविष्य में सीमा की रक्षा में इस्तेमाल लाने पर होगा काम ड्रोन की विशेषता है कि यह 10 से 15 किलोमीटर तेज गति की हवा में भी स्टेबल रह सकता है। जीपीएस के माध्यम से ड्रोन अपने गंतव्य स्थान तक जाकर वापस आ सकता है।
वंश ने बताया कि वर्तमान समय में ड्रोन 500 मीटर की ऊंचाई तक तथा एक किलोमीटर दूर तक जा सकता है। वर्तमान समय में यह ड्रोन दस मिनट तक उड़ सकता है। विद्यार्थी वंश बत्रा ने बताया कि भविष्य में ड्रोन की बैटरी में बदलाव करके एक घंटे तक निरंतर उड़ाने की योजना है। साथ ही साथ इसकी दूरी की रेंज 5 किलोमीटर तक करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि ड्रोन में अन्य बदलाव करने की योजना है ताकि अन्य जगह पर भी इसका सदुपयोग हो सके। उनकी योजना सीमाओं पर सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपकरण बनाने की है ताकि दुश्मन को सीमा पार करते समय पहचान कर आतंकवादियों पर कार्रवाई की जा सके।