चंडीगढ़, 22 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा के परिवहन विभाग में आईपीएस और एचपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो गया है। विभाग में आईपीएस और एचपीएस अधिकारियों की नियुक्ति को एचसीएस एसोसिएशन की ओर से पंजाब एवं हाईकोर्ट में दी गई चुनौती से जुड़ा केस अब खत्म हो गया है। हाईकोर्ट ने सरकार की दलील और नियमों में किए बदलाव को सही मानते हुए इस केस का निपटारा किया है।
खट्टर सरकार ने विभागों में आईएएस कैडर की पोस्ट माने जाने वाले पदों पर आईपीएस व अन्य सर्विस के अधिकारियों की नियुक्ति शुरू की हुई है। इस मुद्दे पर आईएएस और आईपीएस लॉबी में टकराव भी देखने को मिल चुका है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में ऑपरेशन ‘शुद्धि’ के नाम पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2020 में आईपीएस और एचपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग शुरू की। उस समय आईपीएस अधिकारी शत्रुजीत कपूर को परिवहन विभाग का प्रधान सचिव लगाया गया।
इससे पूर्व शत्रुजीत कपूर बिजली निगमों के एमडी और चेयरमैन रह चुके थे। बिजली निगमों में एमडी पद को भी आईएएस कैडर का माना जाता है। इसके बाद सरकार ने उन्हें परिवहन विभाग में भेजा। साथ ही, कई जिलों में आरटीए सचिव की जिम्मेदारी भी हरियाणा प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की बजाय हरियाणा पुलिस सेवा के अधिकारियों को सौंपी।
हरियाणा की एचपीएस एसोसिएशन ने इसका विरोध किया। सरकार के फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। इस दौरान कोरोना काल की वजह से मामला हाईकोर्ट में लंबित रहा। कुछ माह से हाईकोर्ट ने इस केस की सुनवाई शुरू की हुई थी। 15 सितंबर को भी हाईकोर्ट में तारीख थी और 21 सितंबर को भी इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई हुई। बृहस्पतिवार को जस्टिस अरुण मोंगा ने दोनों पक्षों ndash; एसोसिएशन और प्रदेश सरकार की सुनवाई के बाद मामले का निपटारा कर दिया। एसोसिएशन की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि उनकी कैडर पोस्ट पर एचपीएस अधिकारियों की नियुक्ति गलत है। पुलिस का काम कानून एवं व्यवस्था संभालने का है और एचपीएस अधिकारियों को इसकी ही ट्रेनिंग दी जाती है। वहीं एचसीएस अधिकारियों के पास प्रशासनिक अनुभव होता है और यह काम भी प्रशासनिक अधिकारियों का है।
22 एचसीएस अधिकािरयों की ट्रांसफर
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू): हरियाणा सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य में 22 एचसीएस अधिकारियों के नियुिक्त एवं स्थानांतरण आदेश जारी किए। कई अधिकारियों को रिक्त पद पर तैनात किया गया है। सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ित में इसकी जानकारी दी गई।