फरीदाबाद, 20 मई (हप्र)
200 करोड़ के घोटाले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। अधिकारियों ने ठेकेदार के साथ मिलकर जनता के रुपयों की बंदरबांट की। इसकी एवज में ठेकेदार ने भी अधिकारियों को तरह-तरह की सुविधाएं दी। अब सामने आया है कि ठेकेदार सतवीर ने मुख्य अभियंता डीआर भास्कर को इनोवा खरीदकर दी थी। विजिलेंस ने यह जानकारी शुक्रवार को अदालत को मुख्य अभियंता का रिमांड बढ़ाने की अपील के दौरान दी। इससे पहले विजिलेंस अदालत को बता चुकी है कि ठेकेदार सतवीर ने मुख्य अभियंता को थाईलैंड और मलेशिया की यात्रा कराई थी।
अदालत ने नगर निगम के मुख्य अभियंता डीआर भास्कर का तीन दिन का रिमांड बढ़ा दिया है। 6 दिन का रिमांड पूरा होने पर शुक्रवार को विजिलेंस ने आरोपी को न्यायिक दंडाधिकारी पंकज नैन की अदालत में पेश किया। विजिलेंस के डीएसपी पार्थ सारथी ने अदालत को बताया कि ठेकेदार सतवीर को प्रोडक्शन वारंट पर 5 दिन के रिमांड पर ले रखा है। मुख्य अभियंता और ठेकेदार को आमने-सामने बिठाकर विजिलेंस के अधिकारियों ने पूछताछ की। इस दौरान सामने आया कि बिना काम भुगतान करने की एवज में ठेकेदार ने मुख्य अभियंता को काफी सुविधाएं उपलब्ध कराई थीं। इसी के तहत ठेकेदार ने अपने नाम से इनोवा कार खरीदकर मुख्य अभियंता को दी। मुख्य अभियंता इसे निजी कार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था।
फरारी के दौरान भी वह इसी कार का प्रयोग करता था। उसने यह कार दिल्ली में कहीं छिपाई हुई है।
उल्लेखनीय है कि यह घोटाला मई 2020 में उजागर हुआ था। जब फरीदाबाद नगर निगम के तत्कालीन चार पार्षदों दीपक चौधरी, दीपक यादव, सुरेंद्र अग्रवाल व महेंद्र सरपंच ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतवीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है। निगम आयुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई। ठेकेदार को भुगतान में अनियमितताएं पाए जाने पर उन्होंने विजिलेंस से जांच की सिफारिश की। विजिलेंस ने इस मामले में दो मुकदमे दर्ज किए। अब तक विजिलेंस ठेकेदार सतवीर और मुख्य अभियंता डीआर भास्कर को गिरफ्तार कर चुकी है।