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पीआर धान का उठान न होने पर आढ़तियों ने जताया रोष

पानीपत अनाज मंडी में फसल की आवक जोरों पर

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पानीपत मंडी में रविवार को पीआर धान के उठान को लेकर आढ़तियों से चर्चा करते प्रधान दिनेश भौक्कर। -हप्र
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पानीपत, 27 अक्तूबर (हप्र)

पानीपत अनाज मंडी में धान की आवक जोरो पर है। धान की वेरायटी 1121, 1509, 1847 व मुच्छल की खरीद प्राईवेट मिलरों द्वारा की जा रही है और इन किस्मों के धान की खरीद व उठान को लेकर कोई दिक्क्त नहीं है। वहीं पीआर धान की खरीद सरकारी एजेंसी हैफेड व हरियाणा वेयर हाउस द्वारा की जा रही है लेकिन उठान की गति बहुत धीमी होने से आढतियों व किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। हालांकि तीन दिन पहले ही भाकियू ने किसानों के साथ मिलकर अनाज मंडी में रोष व्यक्त किया था और मार्केट कमेटी की सचिव आशा रानी ने किसानों व आढतियों को उठान में तेजी जाने का आश्वासन दिया गया था।

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पीआर धान का उठान नहीं होने पर अनाज मंडी के आढ़तियों ने रविवार को मंडी प्रधान दिनेश भौक्कर की दुकान पर बैठक करके रोष व्यक्त किया है। दिनेश भौक्कर ने कहा कि अनाज मंडी से पीआर धान का उठान नहीं होने पर आढ़तियों व किसानों को भारी परेशानी हो रही है। उठान नहीं होने से किसानों को पेमेंट नहीं मिल पा रही है और किसान तो पेमेंट के लिये रोजाना आढ़तियों के चक्कर काट रहे हैं।

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प्रधान ने कहा कि आढ़ती भी किसानों को कब तक झूठे आश्वासन देते रहेंगे और अब तो आढ़ती भी किसानों को झूठे आश्वासन देते-देते थक चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मंडी से पीआर धान का उठान होने पर मिलर या खरीद एजेंसी के गोदाम में रखे जाने के 72 घंटे बाद ही सरकार द्वारा किसानों के बैंक खातों में पेमेंट डाली जाती है। उन्होंने कहा कि जब उठान ही नहीं होगा तो किसानों के खातों में पेमेंट कैसे आयेगी। उठान में देरी होने से जो बोरियों में भरा गया जो धान सूख जाता है तो उसकी सोर्टेज को भी आढ़तियों पर डाला जाता है।

दिनेश भौक्कर ने बताया कि मंडी से शनिवार को एक गाड़ी व रविवार को दो गाड़ियों का उठान हुआ है। मंडी से यदि रोजाना एक या दो हजार बोरियों का ही उठान होगा तो सारा उठान होने में ही महीनों लग जाएंगे।

आढ़ती धर्मबीर मलिक, दुलीचंद, अशोक लठवाल, विरेंद्र कादियान, मनोज सिंगला, रविंद्र कुमार व विकास गर्ग आदि ने कहा कि अधिकारी मंडी में आते हैं और उठान का आश्वासन देकर चले जाते है लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं होने वाला।

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