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आढ़तियों ने की पीआर धान के उठान में तेजी लाने की मांग

पानीपत, 20 अक्तूबर (हप्र) पानीपत की नयी अनाज मंडी में धान की आवक जोरो पर हैं। मंडी में 1509, 1847, 1121 व 1718 किस्मों का धान तो प्राइवेट मिलर और पीआर धान सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड व वेयर हाउस द्वारा...

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पानीपत मंडी में रविवार को पीआर धान के उठान में तेजी लाने की मांग को लेकर बैठक करते दिनेश भौक्कर प्रधान व अन्य आढ़ती। -हप्र
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पानीपत, 20 अक्तूबर (हप्र)

पानीपत की नयी अनाज मंडी में धान की आवक जोरो पर हैं। मंडी में 1509, 1847, 1121 व 1718 किस्मों का धान तो प्राइवेट मिलर और पीआर धान सरकारी खरीद एजेंसी हैफेड व वेयर हाउस द्वारा एमएसपी पर खरीदा जा रहा है। प्राइवेट मिलर द्वारा खरीदे गये धान का उठान स्वयं मिलर करता है और उसमें आढ़ती व किसानों का कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन एमएसपी पर खरीदे गये पीआर धान का मंडी से समय पर उठान नहीं होने से आढ़तियों व किसानों सहित दोनों को नुकसान हो रहा है। पानीपत अनाज मंडी में पीआर धान के उठान में तेजी लाने की मांग को लेकर रविवार को मंडी के प्रधान दिनेश भौक्कर ने आढ़तियों के साथ बैठक की। दिनेश भौक्कर प्रधान ने कहा कि पानीपत मंडी में हैफेड व वेयर हाउस द्वारा अब तक खरीदे गये पीआर धान में से करीब 40 प्रतिशत का ही उठान हुआ है और अभी भी मंडी में करीब 60 फीसदी उठान होना बाकी है।

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वहीं दिनेश भौक्कर ने बताया कि मंडी से पीआर धान का उठान करने के बाद खरीद एजेंसी द्वारा उसको अपने गोदाम में रखा जाता है और गोदाम में रखे जाने के 72 घंटे बाद ही किसानों के बैंक खातों में पेमेंट आती है। इसलिये उठान में जितनी भी देरी होगी तो किसानों को उतनी ही देरी से धान की पेमेंट मिलेगी। दूसरी तरफ पीआर धान का उठान नहीं होने से मंडी में कई-कई दिनों तक धान से भरी हुई बोरियां पडी रहती है और कई दिनों तक धान पडी रहने से बोरी में भरी गई धान अवश्य ही सुखती है। उन धान की बोरियों का उठान के बाद जब खरीद एजेंसी द्वारा गोदाम में रखने से पहले कांटा करवाया जाता है तो जो धान का वजन कम रहता है, उस घटती को खरीद एजेंसी द्वारा आढती पर डाला जाता है, जिससे आढतियों का नुकसान होता है।

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