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आवक जोरों पर, तीन दिन से नहीं हुई पीआर धान की सरकारी खरीद

पानीपत, 6 अक्तूबर (हप्र) पानीपत की अनाज मंडी में 1509, 1692 व 1847 किस्मों के धान की आवक जोरों पर है और प्राइवेट मिलर द्वारा धान की खरीद की जा रही है। पानीपत अनाज मंडी में रविवार को करीब 13...

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पानीपत अनाज मंडी में 1509 व 1692 किस्मों की धान को खरीद के बाद तोल करके कट्टों में भरते मजदूर। -हप्र
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पानीपत, 6 अक्तूबर (हप्र)

पानीपत की अनाज मंडी में 1509, 1692 व 1847 किस्मों के धान की आवक जोरों पर है और प्राइवेट मिलर द्वारा धान की खरीद की जा रही है। पानीपत अनाज मंडी में रविवार को करीब 13 हजार क्विंटल इन तीनों किस्मों के धान की आवक हुई।

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इन 1509 व 1692 किस्मों का भाव रविवार को कम्बाईन से कटी हुई धान का करीब 2700 रुपये प्रति क्विंटल का भाव रहा।

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हालांकि हाथ से कटी इन किस्मों के धान का भाव तीन हजार से 3100 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है, लेकिन लेबर की कमी के चलते ज्यादातर किसानों द्वारा कम्बाईन से ही धान की कटाई करवाई जा रही है। 1847 किस्म के धान का भाव करीब 2600 रुपये प्रति क्विंटल है। अनाज मंडी आढती एसोसिएशन के प्रधान दिनेश भौक्कर ने बताया कि इन दोनो 1509 व 1692 किस्मों के धान का भाव पिछले साल के मुकाबले इस बार 700-800 रुपये प्रति क्विंटल कम है और इस बार इन किस्मों के धान की पैदावार भी 3-4 क्विंटल कम है, जिससे किसानों को भारी घाटा हो रहा है।

बता दें कि जिला में इस बार करीब एक लाख 82 हजार एकड़ में धान की रोपाई की गई थी और इन दोनों किस्मों 1509 व 1692 की धान की 35-40 हजार एकड़ में रोपाई की गई थी।

पानीपत अनाज मंडी में पिछले सप्ताह से ही पीआर धान की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन पिछले तीन दिनों से पीआर धान की सरकारी खरीद नहीं हो पाई है। पानीपत अनाज मंडी में आढतियों ने रविवार को मंडी प्रधान दिनेश भौक्कर के नेतृत्व में बैठक करके सरकार व जिला प्रशासन से जल्द से जल्द पीआर धान की सरकारी खरीद करवाने की मांग की गई है।

मंडी प्रधान दिनेश भौक्कर ने बताया कि तीन दिन से पीआर की खरीद नहीं की गई है।

अनाज मंडी में अभी भी करीब दो हजार क्विंटल पीआर धान पड़ी हुई है, पर खरीद नहीं होने से किसानों व आढतियों दोनो की ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को दिन-रात मंडी में रहकर अपने धान की रखवाली करनी पड रही है और खरीद नहीं होने से अधिकतर किसान तो अभी पीआर धान को मंडी में लेकर नहीं आ रहे हैं।

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