दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 17 दिसंबर
चार महीने पहले मानसून सत्र में यूनिवर्सिटी विधेयक में हुए संशोधन पर अब शीतकालीन सत्र में जमकर हंगामा हुआ। विश्वविद्यालयों की भर्तियां हरियाणा लोकसेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से करवाने के सरकार के फैसले के खिलाफ सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया। इस मुद्दे पर सदन में हंगामा हुआ और पक्ष-विपक्ष में नोक-झोंक भी हुई।
विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि एचपीएससी और एचएसएससी की साख पहले ही गिर चुकी है और अब सरकार यूनिवर्सिटी की भर्तियों को भी इन्हें सौंपना चाहती है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि अब किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। यूनिवर्सिटी के वीसी की नियुक्ति पहले की तरह राज्यपाल ही करेंगे, लेकिन ग्रुप-डी से लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर तक की भर्तियां नये प्रावधानों के तहत ही होंगी। इससे जुड़ा संशोधित विधेयक गठबंधन सरकार ने अगस्त के मानसून सत्र में पारित किया था। उस समय भी इस पर सवाल उठे थे। सरकार ने कहा कि इस फैसले से यूनिवर्सिटी की स्वायत्तता पर आंच नहीं आएगी। कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, रघुबीर कादियान, मेवा सिंह, आफताब अहमद ने इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया था। इस पर चर्चा में कांग्रेस विधायकों ने कहा कि यूनिवर्सिटी ऑटोनोमस बॉडी है। सरकार भर्तियों के जरिए इसमें दखल देना चाहती है। इस दौरान विपक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी का बयान पढ़कर सुनाया, जिसमें वे शिक्षण संस्थानों में ऑटोनोमस पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। बेशक, सीएम ने मोटे तौर पर स्थिति स्पष्ट कर दी, लेकिन उन्होंने विपक्ष के आरोपों का जवाब नहीं दिया। माना जा रहा है कि सत्र की अगली किसी सिटिंग में वे इस पर जवाब दे सकते हैं। इस मुद्दे पर हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार जिद पर अड़ी रही और नये नियमों के तहत भर्तियां की तो लोग सड़कों पर आएंगे। हम भी उनका साथ देंगे। इस पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर की हुड्डा के साथ बहस हुई। हुड्डा ने कहा कि फैसला वापस ले लो नहीं तो किसान आंदोलन की तरह मुंह की खानी पड़ेगी।
मनमर्जी चाहती है सरकार : अभय
इनेलो प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने कहा कि सरकार धक्काशाही कर रही है। यूनिवर्सिटी में भी मनमर्जी चाहती है। बाहर के लोगों को यहां नौकरी देने की योजना है। ऐसे लोगों को कमेटी में सदस्य बनाया जा रहा है, जिन पर कई आरोप हैं। उन्होंने उच्चतर शिक्षा परिषद के चेयरमैन बीके कुठियाला को लेकर भी सरकार को घेरा। रोहतक विधायक बीबी बतरा व बेरी रघुबीर कादियान ने कहा कि इस मुद्दे पर विधानसभा की कमेटी बनाई जानी चाहिए।
भर्तियों में आएगी पारदर्शिता : गुर्जर
प्रस्ताव पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि इस फैसले से विश्वविद्यालयों की स्वायतत्ता पर असर नहीं पड़ेगा। नौकरियों में और पारदर्शिता आएगी। बेहतर शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की गुणवत्ता जरूरी है। सभी यूनिवर्सिटी में स्टाफ उपलब्ध करवाना हमारा लक्ष्य है। यूनिवर्सिटी की भर्तियों में होने वाली अड़चनें भी इस फैसले से दूर होंगी। विपक्ष के आरोपों पर कहा कि इससे यूजीपी की गाइड लाइन भी प्रभावित नहीं होगी।
चयन समिति में कुलपति भी होंगे
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यूनिवर्सिटी की नौकरियाें के लिए बनने वाली चयन समिति के चेयरमैन संबंधित यूनिवर्सिटी के वीसी होंगे। कुल सचिव, वित्ताधिकारी, एग्जाम कंट्रोलर व पुस्तकालय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए सर्च-कम-सलेक्शन कमेटी में भी कुलपति अध्यक्षता करेंगे। एचपीएससी व एचएसएससी नौकरियों के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन करेंगे। इसके लिए बनने वाली कमेटी में कुलपति के अलावा यूनिवर्सिटी के दो शिक्षा विशेषज्ञ, लोकसेवा आयोग के सदस्य के अलावा अन्य भी सदस्य होंगे।