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दीप महोत्सव पर 21 हजार दीयों से रोशन हुआ प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर 108 श्री हनुमान चालीसा पाठ व रंगोली प्रतियोगिता भी हुई

अरविंद शर्मा/हप्र जगाधरी, 27 अक्तूबर रविवार शाम को जगाधरी क्षेत्र के अमादलपुर स्थित प्राचीन सूर्यकुुंड मंदिर में भव्य दीप महोत्सव का आयोजन श्रद्धा से किया गया। आयोजन में श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लेकर पुण्य अर्जित किया। आयोजन के तहत...

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जगाधरी क्षेत्र के अमादलपुर स्थित प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर दीयों से जगमगाता। -हप्र
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अरविंद शर्मा/हप्र

जगाधरी, 27 अक्तूबर

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रविवार शाम को जगाधरी क्षेत्र के अमादलपुर स्थित प्राचीन सूर्यकुुंड मंदिर में भव्य दीप महोत्सव का आयोजन श्रद्धा से किया गया। आयोजन में श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लेकर पुण्य अर्जित किया। आयोजन के तहत मंदिर प्रांगण में इलाके के लोगों ने 21000 दीपदान प्रज्वलित करके देव दीपावली का आनंद लिया गया। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर समिति ने दीया, बात्ती व तेल का प्रबंध किया था। वहीं बहुत से श्रद्धालु स्वयं भी यह सामान लेकर आए थे। इस अवसर पर दिव्य झांकियां एवं रंगोली प्रतियोगिता व 108 श्री हनुमान चालीसा के पाठ किए गए। प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर के महंत डा. गुण प्रकाश चैतन्य जी महाराज के मुखारविंद द्वारा दीपदान महोत्सव की महिमा को बताया गया। महाराज जी ने क हा कि कार्तिक मास में दीप दान की महिमा और बढ़ जाती है। कार्तिक स्नान में दीप दान का बड़ा

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पुण्य है। उन्होंने कहा कि इस माह में श्री तुलसी जी के समक्ष शुद्ध घी का दीप प्रज्वलित करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। माह में सुपात्रों का दान देने का भी आपर पुण्य मिलता है।

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