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पंजाब की आप सरकार न संविधान मानती है, न संवैधानिक संस्थाओं को : नायब सैनी

कहा- जल विवाद पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए फैसले को पंजाब सरकार ने दरकिनार किया, जो दुर्भाग्यपूर्ण
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पंचकूला में बृहस्पतिवार को गुरुद्वारा नाडा साहिब में मुख्यमंत्री नायब सैनी (केसरिया पगड़ी में) शीश नवाते हुए। -रवि कुमार
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एस.अग्निहोत्री/ हप्र

पंचकूला, 8 मई

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पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार न तो संविधान को मानती है, न संवैधानिक संस्थाओं को मानती है और न ही संविधान का सम्मान करती है। पंजाब सरकार ने जल विवाद पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को दरकिनार किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जल विवाद पर पंजाब सरकार के रूख पर बृहस्पतिवार को यह बात कही। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह किया कि वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को मानते हुए हरियाणा के पानी को छोड़ें। मुख्यमंत्री नाडा साहिब गुरुद्वारा में मत्था के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब गुरुओं की धरती है। समय-समय पर गुरुओं ने हमेशा भलाई और कल्याण का संदेश दिया है और हम उन्हीं की शिक्षाओं को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। जब पंजाब - हरियाणा एक थे, तब भी कोई भेदभाव नहीं था। परंतु आज पंजाब की मान सरकार अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए यह भेदभाव खड़ा कर रही है। उन्होंने कहा कि हम पंजाब के हक का पानी नहीं मांग रहे हैं, बल्कि जो हरियाणा का हिस्सा है, वो भी पीने के पानी का, हम केवल वहीं मांग रहे हैं।

सैनी ने हाईकोर्ट का धन्यवाद देते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने सोच विचार करके और दोनों पक्षों की बातें सुनकर अपना फैसला दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को न मानना संवैधानिक पीठ का अपमान है। संवैधानिक फैसलों को न मानना इनकी फितरत रही है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान सर्वोच्च है और संवैधानिक पीठ का सम्मान करना हम जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों का दायित्व है। परंतु हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए और उसको न मानते हुए डैम पर जाकर ताला लगा देना व धरने पर बैठ जाना, ये सही नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के लोगों को पीने के पानी की आवश्यकता है। समय के साथ पानी की दिक्कत आ रही है। यह जीवन पानी से चलता है, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री अपनी राजनीति को चमकाने के लिए पानी को रोक कर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि जब डैम में पानी का लेवल आज के मुकाबले कम था, तब भी हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी मिला। आज ऐसी क्या बात हो गई है। पानी पर राजनीति न करें। इस मौके पर सीएम के मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय, प्रदेश उपाध्यक्ष बंतो कटारिया, जिला प्रधान अजय मित्तल, हरियाणा एग्रो के चेयरमैन श्यामलाल बंसल, नाडा साहिब गुरुद्वारा के हैड ग्रंथी जगजीत सिंह, नाडा साहिब गुरुद्वारा प्रंबंधक कमेटी कालका के सदस्य जत्थेदार गुरमीत सिंह, स्वर्ण सिंह, मैनेजर परमजीत सिंह व अन्य मौजूद रहे।

पानी पर राजनीति न करें मान ...

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह करते हुए कहा कि पानी के विषय पर राजनीति न करें। राजनीति करने के लिए और भी बहुत विषय है। हरियाणा के पानी को छोडि़ए। सैनी ने कहा कि आज जब देश ऐसी परिस्थिति में है, उस समय भी मान साहब अपनी राजनीति में लगे हुए हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह हाईकोर्ट के फैसले की अवमानना है। संवैधानिक पीठ के निर्णय को कायम रखना, उसका सम्मान करना यह हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को वर्तमान स्थिति से अवगत कराया है, जो भी फैसला हाईकोर्ट का होगा हमें स्वीकार है। हम उसका सम्मान करते हैं।

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