पानीपत, 1 अप्रैल (निस)
‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ के तहत पंजीकरण करवाने वाले किसानों की गेहूं की फसल अनाज मंडी में किस दिन लेकर आनी है, इसकी शेड्यूलिंग पहले मार्किट कमेटी करती थी। इस बार प्रदेश सरकार ने इसकी शेड्यूलिंग चंडीगढ़ से कर दी है। अब किसानों के मोबाइल पर मैसेज आयेगा और उसी शेड्यूलिंग के अनुसार किसानों को अनाज मंडी या सब सेंटर पर गेहूं लेकर आना होगा। सरकार की नई शेड्यूलिंग का भाकियू व कई किसानों ने विरोध किया है। उन्होंने शेड्यूलिंग प्रक्रिया को पहले की तरह ही मार्किट कमेटी द्वारा करवाने की मांग की है। वहीं, गेहूं की सरकारी खरीद बृहस्पतिवार से शुरू हो गई है। हालांकि पानीपत, मतलौडा, बाबरपुर, इसराना की मंडियों में पहले दिन एक भी किसान गेहूं लेकर नहीं आया। भाकियू के जिला प्रधान कुलदीप बलाना ने कहा कि नई शेड्यूलिंग प्रक्रिया से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। चंडीगढ़ में बैठे अधिकारियों व कर्मचारियों को यह कैसे पता चलेगा की कौन से किसान ने अपनी गेहूं की फसल कब कटवाई है। वे तो किसानों द्वारा पोर्टल पर करवाये गये पंजीकरण के आधार पर शेड्यूलिंग करेंगे।
फसल घर में नहीं रखेंगे
कुलदीप ने कहा कि कोरोना के चलते इस बार भी लेबर की भारी कमी है और ज्यादातर किसान अपनी गेहूं की फसल को कम्बाईन से कटवायेंगे और कम्बाईन से फसल कटवाने वाला किसान गेहूं को अपने घर पर नहीं डाल सकता। वह गेहूं को अनाज मंडी में ही लेकर आयेगा तो वहां पर उसकी शेडयूलिंग नहीं होगी। वह अपनी फसल को मंडी में शेडयूलिंग होने तक बेच नहीं पायेगा। सरकार से मांग है कि शेड्यूलिंग प्रक्रिया को पहले की तरह ही मार्किट कमेटी द्वारा किया जाये।