चंडीगढ़, 28 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा के गांवों की तर्ज पर अब शहरों में भी ‘स्वामित्व योजना’ को लागू किया जाएगा। सरकार ने शहरी क्षेत्रों को लालडोरा मुक्त करने की योजना बनाई है। गांवों को लालडोरा मुक्त करने की यह योजना अब अंतिम चरण में है। इसी पैटर्न पर अब शहरों में काम किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में लालडोरा के अंदर परिसंपत्तियों की मैपिंग और ड्रोन फ्लाइंग आदि के लिए 15 दिन में कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया गया है। मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में स्वामित्व योजना की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शहरी स्थानीय निकाय विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा तथा प्राइवेट कॉलोनियों में जारी प्रॉपर्टी आईडी का एक मास्टर डाटा तैयार करें। इससे वास्तविक स्थिति का पता लग सकेगा।
उन्होंने कहा कि वे लालडोरा की जानकारी सभी नगर निगमों, पालिकाओं और समितियों के साथ साझा करें। यदि कहीं किसी प्रकार का कोई बदलाव पाया जाता है तो उसके अनुसार डाटा को अपडेट करें। स्वामित्व योजना के तहत गांवों में ड्रोन फ्लाइंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। प्रॉपर्टी कार्ड बनाने तथा वितरित करने का कार्य चरणबद्ध तरीके से जारी है। इसी तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में भी लालडोरा मुक्त करने का कार्य तेजी से किया जाएगा ताकि लोगों को उनका मालिकाना हक मिल सके।
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त पीके दास, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक धीरेंद्र खड़गटा, मिशन निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गिरीश कुमार, सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक कर्नल कुणाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
करनाल के सिरसी से शुरू हुआ था प्रोजेक्ट
सरकार ने करनाल के सिरसी गांव से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राज्य के गांवों को लालडोरा मुक्त करने की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह योजना इतनी पसंद आई कि उन्होंने ‘स्वामित्व’ के नाम पर इसे पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया। योजना में गांवों और शहरों को लालडोरा से मुक्त करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए जा रहे हैं। इसलिए इसमें लापरवाही न बरती जाए और निश्चित समयावधि में कार्य को पूरा किया जाए।