जींद, 6 फरवरी (हप्र)
तीन घंटे चक्का जाम का जिले में व्यापक असर रहा। सभी राष्ट्रीय राजमार्ग व स्टेट हाईवे जाम रहे। 40 से ज्यादा स्थानों पर रोड जाम किये गये। जींद शहर में भी एसपी आवास के सामने सफीदों बाइपास रोड को किसानों द्वारा जाम किया गया। कंडेला गांव में चंडीगढ रोड जाम रही। यहां महिलाओं ने जमकर नारेबाजी की। इसी तरह से निर्जन गांव में माजरा खाप ने सफीदों मार्ग पर जाम लगाया। जुलाना कस्बे में एनएच 352 पर प्रदर्शन की अध्यक्षता जुलाना बारहा खाप के प्रधान राजमल जेई और नंदगढ़ बारहा खाप के प्रधान होशियार सिंह दलाल ने की। आजाद पालवां, सतबीर पहलवान ने बताया कि पूरे देश में तीन घंटे तक हाइवे, स्टेट हाइवे को जाम किया। 7 फरवरी को जो टोल से टिकरी बॉर्डर पर युवाओं का पैदल कूच का कार्यक्रम था वो रद्द कर दिया गया है। इस दिन किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम चढूनी सहित अन्य किसान नेता चरखी दादरी सहित अन्य जगह पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचेंगे। ऐसे में 7 फरवरी के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। जींद में रोडवेज ने 3 घंटे के लिए शनिवार को बसों को बंद रखा गया। रोडवेज डिपो में अकाउंट ऑफिसर सुनील कुमार भाटिया ने यह जानकारी दी।

कट गया संपर्क
भिवानी (हप्र) : जाम का जिले में व्यापक असर दिखा। जिले से गुजरने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर किसानों ने जाम लगाया। भिवानी-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग कितलाना, दिल्ली मार्ग को बामला, हिसार मार्ग को प्रेम नगर व बुवानीखेड़ा, महम मार्ग को कालुवास, तोशाम मार्ग को सागवान में जाम किया गया। जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोगों ने जमीन पर लेटकर नारे लगाये। भिवानी, महम मार्ग पर कालुवास गांव के समीप ग्रामीणों ने जाम रखा। जगह-जगह जाम लगने से भिवानी का अन्य शहरों से जनसम्पर्क पूरी टूट गया और हर जगह वाहनों की लम्बी कतारें लग गई।
सफीदों में 6 जगह रोका रास्ता
सफीदों (निस) : किसानों ने 6 जगह स्टेट हाईवे को जाम रखा। किसानों ने जींद स्टेट हाईवे पर बाईपास पर तथा बुड्ढाखेड़ा गांव व जामनी चौक पर सड़क को 3 घंटे तक जाम करके रखा।
इसी तरह गोहाना-जींद सड़क मार्ग पर गांव लूदाना व भम्भेवा के पास किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ सड़कों पर आ जुटे।
शांति से बीते तीन घंटे
चरखी दादरी (निस) : सांगवान, फौगाट, श्योराण सहित जिलेभर की खापों की अगुवाई में किसानों ने चक्का जाम किया। 3 घंटे शांति से बीते और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई दिल्ली रोड, कनीना रोड, रोहतक रोड, महेंद्रगढ़ बाइपास, लोहारू रोड, मोरवाला, इमलोटा, आमदपुर में जाम लगाया गया और धरना दिया गया। सांगवान खाप की ओर से निर्दलीय विधायक व सांगवान खाप प्रधान सोमबीर सांगवान व फौगाट खाप प्रधान बलवंत फौगाट ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई
जारी रहेगी।
सड़क के बीचोंबीच तिरछी खड़ी की ट्रैक्टर-ट्रॉली
गोहाना (निस) : क्षेत्र में 6 स्थानों पर जाम रहा। किसानों का समर्थन करने के लिए विधायक इंदुराज नरवाल सहित कांग्रेस के दिग्गज नेता पहुंचे। चक्का जाम का नेतृत्व हरियाणा भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने किया। वह गोहाना-महम मार्ग पर मदीना मोड़ पर लगाए गए जाम पर किसानों के साथ धरने पर बैठे। एनएच 709 पर रोहतक मार्ग पर भैंसवान खुर्द मोड़ और गोहाना-पानीपत मार्ग पर मुंडलाना गांव में चक्का जाम किया गया। एनएच-352 ए पर सोनीपत मार्ग पर लाठ-जौली चौक और जीन्द मार्ग पर नूरनखेड़ा गांव में जाम लगाया गया। जुलाना मार्ग पर बरोदा गांव पर जाम लगाया गया। केवल महमूदपुर रोड जाम से मुक्त रखा गया। सड़कों के बीचोंबीच ट्रैक्टर-ट्राली अड़ा कर रास्ते रोके गये।
उमड़ा किसानों का सैलाब
बाढड़ा (निस): श्योराण खाप की अगुवाई में धरना दिया गया तथा रोष मार्च निकाला। किसान संगठनों ने सुबह मंडी में रोष बैठक की तथा वहां से किसान जुलूस निकाल कर मुख्य क्रांतिकारी चौक पर पहुंचे और धरना शुरु किया। इस दौरान दिल्ली-पिलानी सहित सभी मार्गों पर चक्का जाम किया।
पहली बार देखा सड़क में कीलें गाड़ दी : आफताब अहमद
नूंह (निस) : विधायक आफताब अहमद मुंडाका हरियाणा राजस्थान बोर्डर पहुंचे, जहां तीन घंटे तक चक्का जाम रहा। विधायक आफताब अहमद ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार देखा है कि किसानों को रोकने के लिए सड़कों को खुदवा दिया गया हो, कीलों को सड़क में गाड़ दिया हो।
नारनौंद में कई जगह लगा जाम
नारनौंद (निस) : किसानों ने गांव बास, पीपला पूल, सीसर, गढ़ी, भकलाना, मदन हेड़ी, माजरा प्याऊ, भैणी अमीरपुर, खांडा खेड़ी और मिर्चपुर में जाम लगा दिया। इस अवसर पर सुरेश कोथ ने कहा कि सरकार जब तक 3 कानूनों को रद्द नहीं करेगी तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा। 3 घंटे का आज का जाम पूर्ण रूप से सफल रहा।
रेवाड़ी में प्रदर्शन
रेवाड़ी (निस) : ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने गांव डीहना स्थित बस स्टैंड पर कृषि कानूनों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। इस मौके पर राजेंद्र सिंह एडवोकेट व रामकुमार ने कहा कि सरकार को जिद छोड़कर किसानों के हित में कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए। जब किसान ही इन बिलों को हानिकारक बता रहे हैं तो सरकार इन्हें क्यों लागू करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह किसान आंदोलन जन-जन का आंदोलन बन चुका है।