चंडीगढ़, 24 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा के 22 में से 19 जिले ऐसे हैं, जहां के पुलिस अधीक्षकों द्वारा किए जाने वाले पुलिस कर्मचारियों के तबादले एक तरह से ‘गैर-कानूनी’ हैं। बेशक, पुलिस अधीक्षक तबादले कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उनके पास कानूनी अधिकार होना अनिवार्य है। कानूनी अधिकार तभी मिलते हैं, जब सरकार द्वारा पुलिस जिला घोषित किया जाए। गुरुग्राम, फरीदाबाद व पंचकूला को छोड़ बाकी सभी जिले रिकार्ड में आज भी रेवेन्यू डिस्टि्रक्ट हैं।
गुरुग्राम, फरीदाबाद व पंचकूला को सरकार ने पुलिस कमिश्नरी बनाया हुआ है। ऐसे में कानूनन इन जिलों के पुलिस आयुक्तों के पास उनके अधीन कार्यरत पुलिस जवानों के तबादले करने के अधिकार हैं। खट्टर सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में हांसी को पुलिस जिला घोषित किया था। यहां के पुलिस अधीक्षक के पास भी अपनी पसंद के पुलिस थानों व चौकियों में प्रभारी व दूसरे जवानों के तबादले करने के अधिकार हैं। कानून के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि बाकी जिलों के एसपी द्वारा किए गए जा रहे तबादले कानूनन गलत हैं। राजस्व जिलों में पुलिस अधीक्षक अधीनस्थ कर्मचारियों के तबादले नहीं कर सकते, जबकि पुलिस जिलों में उन्हें यह पावर हासिल है। 10 जनवरी, 2019 से प्रदेश में हरियाणा पुलिस (संशोधन) अधिनियम 2018 लागू हुआ है। संशोधित कानून के तहत गुरुग्राम, पंचकूला व फरीदाबाद जिलों को पुलिस जिला घोषित किया है। इनमें एसपी तबादले कर सकते हैं, लेकिन गृह विभाग ने बाकी 19 जिलों के बारे में अधिसूचना जारी नहीं की है।