
चंडीगढ़, 10 जून (ट्रिन्यू)
सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर लंबे अरसे से बंद है। ऐसे में गृह मंत्री अनिल विज ने आशंका जताई है कि किसानों का मुख्य एजेंडा अब कृषि कानून न रहकर कुछ और ही है। उन्होंने दो-टूक कहा कि किसान अभी तक एक बार भी यह नहीं बता पाए हैं कि उन्हें आपत्ति क्या है। इससे यह लगता है कि उनका एजेंडा कृषि कानून नहीं बल्कि कोई गुप्त एजेंडा है। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत में विज ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों से बातचीत के लिए सभी दरवाजे खुले हैं। अभी तक 11 से 12 दौर की बैठक किसान संगठनों के साथ हो चुकी हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने हर बार किसानों के लिए बातचीत का रास्ता खुला रखा है। सरकार ने कभी भी दरवाजे बंद नहीं किए।
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