बाबैन (निस) : स्टालवार्ट फाउंडेशन के चेयरमैन संदीप गर्ग की ओर से बाबैन ब्लॉक के गांव रामसरन माजरा के युवक संजीव कुमार को बाजू के रूप में कृत्रिम अंग लगवाया गया। संजीव कुमार की चार वर्ष पूर्व एक सड़क दुर्घटना में बाजू कट गई थी, जिसके कारण उसे अपना कार्य करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। संजीव कुमार के बारे में जैसे ही समाजसेवी संदीप गर्ग को जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत संजीव कुमार को कृत्रिम बाजू लगवाने का फैसला किया। संजीव कुमार पिछले चार वर्षों से एक बाजू न होने के कारण अपना कामकाज करने में असमर्थ था। अब फाउंडेशन के चेयरमैन संदीप गर्ग द्वारा लगभग 40 हजार रुपए की राशि खर्च कर सोमवार को उनके गांव में जाकर उसकी बाजू कृमिक अंग के रूप में लगवा दी है जिससे अब वह अपना सभी वह काम कर सकेगा। इस मौके पर चरण सिंह, बलकार सिंह, जरनैल सिंह, डिम्पल सैनी, जसवीर सिंह आदि ग्रामीण मौजूद थे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।