भिवानी, 1 सितंबर (हप्र)
हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के बैनर तले बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों का क्रमिक अनशन स्थानीय लघु सचिवालय के बाहर चल रहा है। इस दौरान सभी पीटीआई अध्यापकों सहित जनसंगठनों के पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए रोष प्रकट किया। आंदोलनकारियों का नेतृत्व पीटीआई अध्यापक विरेंद्र जाखड़ कर रहे थे। राजेश ढाण्डा शारीरिक शिक्षक संघ पूर्व राज्य प्रधान, शारीरिक शिक्षक संघ के राज्य प्रधान वीरेंद्र घनघस, बलवान डीपीई राज्य महासचिव, सोमदत्त शर्मा, राजपाल तंवर, विनोद पिंकू, रामपाल तंवर, मदन लाल पीटीआई अध्यापक ने बताया कि 23 अगस्त को हुए पेपर में हरियाणा सरकार की मिलीभगत से बड़े स्तर पर धांधली हुई है। जो सरकार बिना पर्ची व बिना खर्चें के नौकरी देने की बात करती है वो बड़े स्तर पर नौकरियों में बंदरबांट कर रही है। यदि सरकार 23 अगस्त की पीटीआई भर्ती परीक्षा रद्द नहीं करती है तो 3 सितम्बर को कर्मचारी चयन आयोग पंचकूला के सामने सभी पीटीआई अध्यापक रोष प्रदर्शन करेंगे। आज के अनशन पर सतीश, धर्मेंद्र, फूल सिंह, जय प्रकाश पीटीआई अध्यापक थे।
इस अवसर पर प्रमोद, वीरभान, पवन लाम्बा, सुनील, राजेश श्योराण, अशोक, विनोद नंगला, गोविंद, ईश्वर फौजी, प्रवीण कु मारी, मुकेश देवी, मीनू रानी, सुनीता, राजवंती, सुशीला, बलजीत, विजेंद्र चौहान, विनोद वैद्य, बीएसपी आदि संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
विधायक सोमवीर सांगवान का घेराव आज
रोहतक (हप्र) : बर्खास्त पीटीआई के धरने पर मंगलवार को हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के कर्मचारी समर्थन देते हुए एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे। आज अनशन पर बैठने वालों में हरियाणा रोडवेज डिपो प्रधान हिम्मत राणा, जिला सचिव जय कंवार दहिया, बलजीत परिचालक, राजपाल चालक शामिल रहे। का. रामकिशन और प्रेम घिलोडिया ने माला डालकर उन्हें अनशन पर बैठाया। बर्खास्त पीटीआई ने चेतावनी दी कि 2 सितंबर को चरखी दादरी में विधायक सोमवीर सांगवान का घेराव कर प्रदर्शन किया जाएगा । धरने पर रणबीर दहिया, अतर सिंह हुड्डा, महेंद्र सिंह, रामकिशन शर्मा, सुरेंद्र कुमार, प्रेम सिंह सैनी, करतार भी मौजूद रहे।
घटने लगी धरनास्थल पर बर्खास्त पीटीआई की संख्या
झज्जर (हप्र) : सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हरियाणा सरकार द्वारा नौकरी से निकाले गए बर्खास्त पीटीआई की धरनास्थल पर संख्या अब धीरे-धीरे कम होने लगी है। आंदोजन के शुरूआती दौर में इन बर्खास्त पीटीआई के आंदोलन को अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारियों के साथ-साथ कर्मचारी संगठनों व विभिन्न खापों का भी समर्थन मिला था। इतना हीं नहीं इनके धरना-प्रदर्शन में यह सभी काफी अच्छी खासी तादाद में एकत्रित भी होते थे। जिसकी वजह से इनके आंदोलन को बल भी काफी मिला था। लेकिन पिछले दिनों इसी पद के लिए सरकार द्वारा लिए गए टैस्ट के बाद बर्खास्त पीटीआई के धरनास्थल पर संख्या घटने लगी है। मंगलवार को आंदोलनरत इन बर्खास्त पीटीआई की धरनास्थल पर संख्या उंगलियों में गिनी जाने वाली थी। उधर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल बैठे झज्जर मंडी के आढ़तियों व आशा वर्कर्ज ने मंगलवार को भी अपना धरना जारी रखा।