जींद (हप्र) : दिल्ली-बठिंडा रेलमार्ग पर किनाना स्टेशन के पास लाइन किनारे भेड़-बकरियों को चरा रहा चरवाहा ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे चरवाया और 6 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। राजकीय रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचाया। मृतक की पहचान 23 वर्षीय सूरज के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर बाद राजकीय रेलवे पुलिस को सूचना मिली कि किनाना स्टेशन के पास एक युवक लाइन किनारे भेड़-बकरियों को चरा रहा था। इस दौरान वह और कई भेड़-बकरियां ट्रेन की चपेट में आ गई, जिससे युवक और छह भेड़-बकरियों की मौत हो गई। सूचना मिलते ही राजकीय रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने आसपास पूछताछ की तो मृतक की शिनाख्त 23 वर्षीय सूरज के रूप में हुई। जांच अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल पहुंचाया। मृतक की शिनाख्त हो गई है। पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।