जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 20 मई
पिछले कई महीने से कृषि कानूनों के विरोध में शंभू टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसानों ने धरना स्थल पर सिंघु बार्डर की तर्ज पर सुविधाएं बढ़ानी प्रारंभ कर दी हैं। उन्होंने टिन की चादरों से बड़ा शेड डाल लिया है व उसके नीचे कूलर लगा दिए हैं। किसानों का कहना है कि शेड का निर्माण गर्मी और बरसात के मौसम को देखते हुए किया गया है। वहीं शेड के निर्माण को लेकर प्रशासन द्वारा अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई की अधिकृत जानकारी नहीं मिली। किसान कृषि कानूनों को रद्द करवाकर ही आंदोलन समाप्त करने की रट लगाए हुए हैं। इसी बीच पंजाब से बड़ी संख्या में किसान सिंघू बार्डर की ओर कूच कर रहे हैं तो शंभू टोल पर भी किसानों का धरना जारी है। दरअसल 19 व 20 मई के लिए अम्बाला को ऑरेंज जोन में दर्शाकर मौसम के खराब होने की चेतावनी मिलने के बाद किसानों को भरपूर मौका मिल गया और उन्होंने धरना स्थल पर अपने लिए बड़ा शेड डाल लिया। एक किसान नेता ने बताया कि इस पर करीब 1.50 लाख रुपये का खर्च आया है। इसकी लंबाई 60 फुट और चौड़ाई 30 फुट रखी गई है। फिलहाल इस बड़े शेड को बीच में कपड़े का पर्दा लगाकर दो हिस्सों में बांट दिया गया है। एक हिस्से में धरना चलेगा तो दूसरे हिस्से में लंगर चलता रहेगा।
बीती रात शेड डाल लिए जाने का पता चलने के बाद सदर थाना प्रभारी सुरेश कुमार दल बल सहित मौके पर पहुंचे थे और किसानों को शेड नहीं डालने के लिए समझाया लेकिन उस समय लगभग तैयार हो चुके शेड को लेकर किसानों ने उनकी कोई भी बात मानने से इनकार कर दिया। शंभू बार्डर पर पिछले साल नवंबर से किसान धरने पर बैठे हैं।

मौसम की मार से बचने को किया पक्का निर्माण
शंभू टोल प्लाजा पर वजिंद्र सिंह कंबोज, भूपेंद्र सिंह पंजोखरा, साहब सिंह पटवी, मोहन सिंह रामगढ़ माजरा, पंजाेखरा साहिब के सरपंच अमरजीत सिंह आदि के नेतृत्व में धरना लगातार जारी है। वजिंद्र कंबोज ने बताया कि मौसम की मार से बचने के लिए यहां पक्का शेड बनाया गया है। शेड को हटवाने की कोई कोशिश बर्दास्त नहीं की जाएगी। पंजाब की ओर से भाकियू क्रांतिकारी के कई जिलों के किसान जत्थों में शंभू टोल पर पहुंचे और विश्राम के बाद दिल्ली की ओर कूच कर गए।