चंडीगढ़, 12 दिसंबर (टिन्यू)
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने धरनास्थलों से किसानों द्वारा अपने धरने उठाने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन समाप्त होने के उपरांत किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने के बारे में बातचीत चल रही है। साथ ही दिवगंत किसानों के परिजनों को मुआवजा राशि के बारे में भी विचार विमर्श चल रहा है।
मुख्यमंत्री रविवार को प्रशासनिक सुधार विभाग की 15वीं बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के दौरान जिन लोगों की मृत्यु की सूची किसानों द्वारा दी गई है, उसकी पुलिस विभाग द्वारा वेरिफिकेशन की जाएगी। केंद्र सरकार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 700 से अधिक किसानों की सूची सौंपी गई है, जिसमें हरियाणा के 17 जिलों के करीब सवा सौ किसान शामिल हैं। प्रदेश सरकार के पास मात्र 47 किसानों की सूची है।
किसानों के खिलाफ दायर मुकदमों को वापस लिए जाने से जुड़े सवाल पर मनोहर लाल ने कहा कि सभी उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक तथा संबंधित अधिकारी मिलकर रिपोर्ट तैयार करेंगे कि कितने मुकदमे तुरंत वापस लिए जा सकते हैं और कितने मुकदमों की वापसी के लिए कानूनी प्रक्रिया को अपनाना पड़ेगा। टोल के संबंध में उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के कारण जो टोल अब तक बंद थे वे जल्द ही खुल जाएंगे और टोल की दरों में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ राज्य मंत्री कमलेश ढांडा व ओपी यादव भी थे।