अम्बाला शहर, 22 सितंबर (हप्र)
संयुक्त किसान मोर्चा ने आज उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में किसानों ने अनेक मांगों को रखा। ज्ञापन स्वयं उपायुक्त डॉ. शालीन ने प्राप्त किया। आज एसकेएम नेता गुरमीत सिंह मोहड़ी, सुखविंद्र सिंह जलबेड़ा, जयसिंह जलबेड़ा, मंजीत सिंह मछौंडा, कुलदीप सिंह मोहड़ी आदि के नेतृत्व में किसान उपायुक्त कार्यालय पहुंचे थे। मोर्चा नेताओं ने कहा कि पिछले 2-3 महीने से पूरे हरियाणा प्रदेश की जनता बाढ़ और सूखे से जूझ रही है।
मोर्चा ने बताया कि बारिश न होने से आधे से ज्यादा प्रदेश सूखे की चपेट में है। फसलें सूख गईं और कई इलाकों में तो पीने के पानी तक की किल्लत लोगों को झेलनी पड़ रही है। हरियाणा सरकार ने बर्बाद हुई फसलों और अन्य हानि के संबंध में अभी तक मात्र कुछ घोषणाओं के कुछ भी ठोस नहीं किया है। 6.5 लाख एकड़ से ज्यादा फसलें डूब गईं, अनेक पशु मारे गए, ढाणियां खराब हुईं, ट्यूबवेल मोटरें खत्म हो गईं, किसानों को दोबारा से धान लगाना पड़ा।
आज तक सहायता प्रदान करना तो दूूर सूखा प्रकोप भी घोषित नहीं किया गया। संयुक्त मोर्चा ने राज्यपाल से आग्रह किसा कि वे प्रदेश में संवैधानिक मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री को मशविरा दें कि वह तत्काल प्रभाव से बाढ़ और सूखे से बर्बाद फसलों का 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दें। दोबारा धान लगाने वाले किसानों को 25 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दे। बाढ़ नियंत्रण के लिए सीजनल और दूरगामी प्रभाव के स्थाई प्रबंध व जवाबदेही सुनिश्चित हो। बाढ़ प्रभावित किसानों व खेत मजदूरों को मानव, फसल, घर, पशु, मशीनरी आदि क्षति का पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। सूखाग्रस्त इलाकों की स्पेशल गिरदावरी घोषित करें।