सोनीपत, 1 अक्तूबर (हप्र)
राई क्षेत्र की दो सिक्योरिटी कंपनियों के संचालकों ने अपने ही श्रमिकों के साथ फर्जीवाड़ा कर उनका ईपीएफ निकाल लिया। आरोप है कि श्रमिकों के नाम से फर्जी कागजात से ईपीएफ निकाला गया। बाद में स्पेशल ऑडिट के दौरान विभाग ने इस फर्जीवाड़े को पकड़ लिया।
इसके बाद दोनों कंपनियों के संचालकों के खिलाफ राई थाना में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। एनफोर्समेंट आफिसर प्रदीप बत्रा ने एसपी कार्यालय में शिकायत देकर बहालगढ़ की डिवाइन सिक्योरिटी व बढ़खालसा की विजय एसोसिएट के संचालकों पर श्रमिकों का ईपीएफ का पैसा निकालने का आरोप लगाया है। दोनों फर्म संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2012 से वर्ष 2014 तक श्रमिकों के नाम से फर्जी कागजात तैयार किए। श्रमिकों के ईपीएफ में जो पैसा जमा किया गया था, उसे निकाल लिया गया। नियम के अनुसार यह पैसा श्रमिकों के खाते में जमा होना था। वर्ष 2019 में करनाल मुख्य कार्यालय में स्पेशल ऑडिट कराया गया था। ऑडिट के दौरान बहालगढ़ की डिवाइन सिक्योरिटी व बढ़खालासा की विजय एसोसिएट पर ईपीएफ के पैसे का फर्जीवाड़ा मिला। इस पर करनाल मुख्य कार्यालय से दोनों को नोटिस भी दिए गए। इसमें ठोस जवाब नहीं मिले। इसके बाद विभाग की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है।
मुख्यालय से रिकार्ड लेकर होगी जांच
इस बारे में बहालगढ़ पुलिस चौकी के जांच अधिकारी अशोक कुमार का कहना है कि एनफोर्समेंट आफिसर प्रदीप बत्रा की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है। कितने श्रमिकों के साथ फर्जीवाड़ा हुआ और श्रमिकों का कितना पैसा हड़पा गया है इसकी जानकारी करनाल मुख्यालय से रिकार्ड लेकर पता की जाएगी। इस मामले की गहनता से जांच की जाएगी।