चंडीगढ़, 25 जनवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों का दबाव काम कर गया है। प्रदेश सरकार ने पहली फरवरी से राज्य में 10वीं से 12वीं तक सरकारी व प्राइवेट स्कूलों को खोलने का फैसला लिया है। यह फैसला भी ऐसे समय में लिया गया है, जब राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं, पिछले सप्ताहभर से डेथ रेट भी बढ़ा है। बहरहाल, सरकार ने स्कूलों को खोलने का निर्णय ले लिया है और इसके लिए विभाग तैयारियों में जुट गया है।
शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार ने चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मसले पर वे सीएम से भी फोन पर बात कर चुके हैं। पहली फरवरी से इन तीनों कक्षाओं के सभी बच्चे स्कूल आएंगे। बाकी कक्षाओं के लिए अभी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। गुर्जर ने कहा कि केवल उन्हीं विद्यार्थियों की स्कूल में एंट्री मिलेगी, जिन्हें कोरोना वैक्सीन की डोज लग चुकी है। मालूम हो, अभी तक 15 से 18 साल आयु वर्ग के 76 फीसदी विद्यार्थियों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है। इस वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाने की शुरुआत तीन जनवरी से हुई थी। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा सात से 12वीं तक 654490 विद्यार्थी हैं। इनमें से अब तक 496828 विद्यार्थियों को वैक्सीन लग चुकी है। महेंद्रगढ़ में सबसे अधिक 93, गुरुग्राम में 92, रेवाड़ी में 90 और यमुनानगर और फरीदाबाद में 85-85 फीसदी विद्यार्थियों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है। वहीं शिक्षा विभाग के 88 फीसदी स्टाफ को वैक्सीन लग पाई है। शिक्षा विभाग ने कर्मियों का आह्वान किया है कि वे कोरोना वैक्सीन जरूर लगवाएं।
पहली जनवरी से बंद हैं प्रदेश में स्कूल
प्राइवेट स्कूलों द्वारा स्कूलों को खोलने की मांग लगातार की जा रही थी। हालांकि शिक्षा मंत्री का कहना है कि सरकार पर किसी तरह का दबाव नहीं था और न ही प्राइवेट स्कूलों की ओर से इस तरह की कोई बात अभी तक की गई है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत स्कूल खुलेंगे। राज्य में संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद सरकार ने पहली जनवरी से ही स्कूलों को बंद कर दिया था।