गुरुग्राम, 29 अप्रैल (हप्र)
आरटीए का शिकंजा निजी एंबुलेंस संचालकों पर कसने लगा है और 20 से अधिक एंबुलेंस को जब्त कर लिया है। प्राइवेट एंबुलेंस वेलफेयर एसोसिएशन ने डीसी को शिकायत दी और बताया तीन दिन पहले आरटीए की ओर मैसेज मिला कि पांच एंबुलेंस किराये पर चाहिए। इस पर एंबुलेंस ऑपरेटर्स ने दिल्ली सरकार की तर्ज पर वर्क ऑर्डर जारी करने की गुजारिश की। आरटीए ने एंबुलेंस ऑपरेटर्स की मांग पर ध्यान देने की बजाय इंस्पेक्टर को भेजकर 10 चालकों के मोबाइल व एंबुलेंस की चाबी छीनकर उन्हें बैठा लिया और धमकी दी कि एक भी एंबुलेंस नहीं चलने दी जाएगी। निजी एंबुलेंस आॅपरेटर्स ने बताया कि पिछले साल भी कोरोना काल के दौरान किराये के भुगतान का वादा कर एंबुलेंस ली गई थी लेकिन 13 लाख रुपये का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। सुरेंद्र तंवर ने कहा कि जनहित के कार्य के लिए एंबुलेंस सरकार को देने में कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन आरटीए अधिकारियों का न तो व्यवहार ठीक है और न ही किसी तरह के भुगतान का प्रमाण उनकी ओर से दिया जा रहा है। आरटीए की टीम ने अफरा-तफरी फैलाने का प्रयास किया है। एंबुलेंस संचालक सिर्फ इसलिए संकोच कर रहे हैं कि पिछले साल भी आरटीए ने 65 हजार रुपये प्रति महीने किराये पर एंबुलेंस ली थी लेकिन 13 लाख का भुगतान अभी तक नहीं किया गया।