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सभी सरकारी भवनों पर अब रूफटॉप सोलर पैनल जरूरी

‘पीएम सूर्य घर’ योजना को मिशन मोड में लागू करने के निर्देश
मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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हरियाणा में आने वाले वर्षों में ऊर्जा व्यवस्था किस कदर बदलने वाली है, इसका बड़ा संकेत शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दे दिया। सीएम ने साफ निर्देश दिए हैं कि राज्य के हर सरकारी भवन - स्कूलों से लेकर कॉलेजों तक, अस्पतालों से लेकर तहसील-कचहरियों तक, जिला कार्यालयों से लेकर गोदामों तक सब पर रूफटॉप सोलर अनिवार्य रूप से लगाया जाए।

सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है कि हरियाणा को ग्रीन एनर्जी का नेशनल मॉडल बनाना है। चंडीगढ़ में ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी बजट घोषणाओं की उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ बिजली उत्पादन का मामला नहीं है, यह भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक मजबूती का सवाल है। आने वाले वर्षों में हरियाणा को अपनी जरूरत का एक बड़ा हिस्सा स्वच्छ ऊर्जा से पूरा करना है। इसलिए हर परियोजना समय पर पूरी हो, यह सरकार की प्राथमिकता है।

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बैठक के दौरान सीएम सैनी ने केंद्र सरकार की ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के प्रदेश में हो रहे क्रियान्वयन की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत हर पात्र परिवार तक रूफटॉप सोलर सिस्टम पहुंचना चाहिए और अधिकारियों को इसे ‘मिशन मोड’ में लागू करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने योजना के मासिक आंकड़ों की प्रगति को भी परखा और कहा कि जिस विभाग या अधिकारी की जिम्मेदारी जहां है, वह परिणाम देना सुनिश्चित करे।

मॉनिटरिंग सख्त होगी और जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने विभागों को चेताया कि परियोजनाओं में देरी किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं होगी। सीएम सैनी की इस सख्ती को विशेषज्ञ हरियाणा के ऊर्जा क्षेत्र में बड़े प्रशासनिक और तकनीकी सुधारों की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, एचपीजीसीएल के एमडी डॉ़ साकेत कुमार, यूएचबीवीएन के एमडी मनीराम शर्मा और ऊर्जा विभाग व डिस्कॉम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

2027 तक 2.22 लाख का लक्ष्य

एचपीजीसीएल के चेयरमैन श्यामल मिश्रा ने बैठक में जानकारी दी कि 20 नवंबर तक 42 हजार 486 रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन पूरे किए जा चुके हैं। अगला बड़ा लक्ष्य है। 31 मार्च, 2027 तक 2 लाख 22 हजार रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन का लक्ष्य रखा है। डिस्कॉम ने ‘सौर ऊर्जा प्रोत्साहन योजना’ नाम से एक नई स्कीम तैयार की है, जो खासतौर पर राज्य कर्मचारियों और नियमित बिजली बिल जमा करवाने वाले उपभोक्ताओं को सोलर सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित करेगी। यह स्कीम फिलहाल सरकार के अनुमोदन के लिए भेजी गई है। इसके लागू होते ही राज्य में सोलर इंस्टॉलेशन की रफ्तार कई गुना बढ़ने की उम्मीद है।

ऊर्जा उपलब्धता का नया टारगेट भी

बैठक में ऊर्जा विभाग ने एक बड़ा रोडमैप प्रस्तुत किया। अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा ने अगले 7 वर्षों में 24,000 मेगावाट बिजली उपलब्धता का लक्ष्य रखा है, ताकि राज्य के हर उपभोक्ता को 100 प्रतिशत निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा की उपलब्धता केवल उत्पादन का मामला नहीं है, बल्कि आर्थिक विकास, औद्योगिक निवेश, रोजगार सृजन और जीवन गुणवत्ता से सीधे जुड़ा मुद्दा है।

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हरियाणा का कोई गांव, कोई शहर बिजली के बिना न रुके। बैठक में बड़ा निर्णय सामने आया। राज्यभर में बड़े पैमाने पर सोलर पार्क विकसित किए जाएंगे, ताकि ग्रीन एनर्जी उत्पादन को संस्थागत आधार मिल सके। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य की सड़कों, खासकर राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से पुराने, जर्जर और उपयोगहीन बिजली खंभों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह काम केवल सौंदर्य सुधार का नहीं है, यह सड़क सुरक्षा का प्रश्न है। किसी भी स्थिति में लटकती या टूटी लाइनें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

 

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