एक माह से रिपोर्टिंग बंद, टीकाकरण से लेकर निक्षय भत्ते तक प्रभावित
हरियाणा में बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी (एमपीएचडब्ल्यू) वर्ग द्वारा ऑनलाइन स्वास्थ्य पोर्टल का बहिष्कार जारी है। एसोसिएशन के आह्वान के बाद यह आंदोलन गत 25 अक्टूबर से चल रहा है, जिसके कारण प्रदेश की बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं की डिजिटल मॉनिटरिंग लगभग ठप पड़ी हुई है। अब सिर्फ ऑफलाइन कार्य ही किए जा रहे हैं।
इस डिजिटल बंदी का असर गर्भवती महिलाओं के आरसीएच नंबर आधारित अल्ट्रासाउंड, टीकाकरण का रिकॉर्ड, आशा वर्कर का भुगतान, टीबी मरीजों का निक्षय पोर्टल, निरोगी हरियाणा और आयुष्मान भारत जैसे कई कार्यक्रमों पर पड़ा है। एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष शर्मिला देवी, उप प्रधान सुदेश रानी व वित्त सचिव धर्मवीर ने बताया कि उनकी मांगों पर सरकार द्वारा लगातार अनदेखी के कारण यह कदम मजबूरी में उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि आम लोगों को हो रही असुविधा का हमें खेद है, लेकिन हमारी जायज़ मांगों के बिना ऑनलाइन काम संभव नहीं। राज्य प्रेस सचिव संदीप कुंडू के अनुसार, अनमोल, एनसीडी, डिज़ीज़ सर्विलांस, सुरक्षित नारी-सुरक्षित परिवार, एनीमिया मुक्त भारत सहित कुल 11 डिजिटल पोर्टलों पर लगभग 88 प्रतिशत तक कार्य बंद हो चुका है, जिससे डिजिटल मॉनिटरिंग लगभग निष्क्रिय हो गई है।
आज काले बिल्ले लगाकर टीकाकरण
राज्य महासचिव सहदेव आर्य ने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार जारी रहेगा। उनकी ओर से पदनाम संशोधन, प्रमोशन व कन्फर्मेशन सूची जारी करना, एनएचएम महिला कर्मचारियों को एफपीएल-6 वेतनमान, ड्रेस, ट्रैवलिंग व एमसीएच भत्ता, रिटायरमेंट लाभ व ग्रेच्युटी तथा खाली पदों पर नियमित भर्ती की मांग उठाई जा रही है। आंदोलन के तहत कर्मचारी बुधवार को टीकाकरण दिवस पर काले बिल्ले लगाकर विरोध जताएंगे। इसके बाद 29 जनवरी को पंचकूला में मिशन निदेशक कार्यालय के बाहर राज्य व जिला पदाधिकारी सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक उपवास रखकर मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे।
