रादौर (निस) : शहीद उधम सिंह धर्मशाला में बृहस्पतिवार को रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (आरएमपी) का प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा सरस्वती हैरिटेज बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आरएमपी एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ़ ऋषिपाल सैनी ने की। उन्होंने कहा कि सरकार हरियाणा हेल्थ केयर वर्कर बोर्ड का पुनर्गठन कर आरएमपी को रजिस्टर्ड करे। धूमनसिंह किरमिच ने सभी आरएमपी को ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ रहे नशे के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ रसायनमुक्त जीवन जीने की भी शपथ दिलवाई। उन्होंने आरएमपी काे पंजीकृत किये जाने की मांग को जायज ठहराया और कहा कि इस दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। कई बार कानूनी अड़चनें भी आड़े आती हैं, लेकिन फिर भी सरकार का इस बारे सकारात्मक रुख है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।