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विदेशी मरीज की दुर्लभ हृदय सर्जरी कर दिया नया जीवन

डॉ. एस.एस बंसल ने डॉ. सिद्धू व टीम को दी बधाई
फरीदाबाद स्थित एसएसबी अस्पताल के सीनियर हार्ट सर्जन ब्रिगेडियर डॉ. एस.एस सिद्धू के साथ वाल्व की दुर्लभ सर्जरी करवाने वाला मरीज। -हप्र
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फरीदाबाद, 19 मार्च (हप्र)

24 साल के विदेशी युवक के हृदय का एसएसबी अस्पताल के सीनियर हार्ट सर्जन ब्रिगेडियर डॉ. एसएस सिद्धू व उनकी टीम ने सफल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन देने का काम किया है। डा. सिद्धू ने बताया कि युवक को दिल की एक दुर्लभ महाधमनी की बीमारी थी। छाती के बीच से निकलने वाली महाधमनी जिससे खून सारे शरीर में जाता है, छाती के बीच से बंद थी। यह बीमारी जन्म से ही होती है और लाखों में से एक को होती है।

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सांस लेने में युवक को हो रही थी तकलीफ

इस बीमारी के कारण युवक को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उसका बीपी लगातार हाई चल रहा था। डॉ. सिद्धू ने बताया कि कई अस्पतालों ने इस जटिल ऑपरेशन को करने से मना कर दिया गया था। बता दें कि एओर्टिक वाल्व हमारे दिल का एक महत्वपूर्ण वाल्व होता है। यह वाल्व खून को दिल के सही दिशा में जाने में मदद करता है। इस युवक के मामले में एओर्टिक वाल्व संकीर्ण (तंग) हो गया था, जिससे खून को दिल से बाहर अच्छे से पहुंचने में परेशानी हो रही थी।

साथ ही महाधमनी में रुकावट होने के कारण शरीर के निचले हिस्से तक खून का संचार नहीं हो पा रहा था। जांच में पाया गया कि युवक का ब्लड प्रेशर 240-140 था। यह बहुत ज्यादा घातक होता है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन से पहले युवक की कई जांचें की। दो ऑपरेशन करने का फैसला किया गया। पहला ऑपरेशन एओर्टिक वाल्व को बदलने का था और दूसरा ऑपरेशन महाधमनी में रुकावट को ठीक करने का था।

पहले ऑपरेशन में डॉक्टरों ने युवक के खराब एओर्टिक वाल्व को 19 मिमी के सोराइन यांत्रिक वाल्व से बदल दिया। दूसरे ऑपरेशन में डॉक्टरों ने छाती के ऊपरी हिस्से से निकलने वाली महाधमनी को सीधे छाती के नीचे वाली महाधमनी से जोड़ने के लिए एक यांत्रिक नली (ग्राफ्ट) लगाई।

डॉ. सिद्धू ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा और 6 दिन बाद युवक को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दोबारा जांच की गई तो पाया गया कि युवक पूरी तरह स्वस्थ है। डा. सिद्धू ने बताया कि यह समस्या दुर्लभ है। अस्पताल के निदेशक डा. एस.एस. बंसल ने डा. सिद्धू व उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

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