कैथल (हप्र)
आंदोलन के दौरान यमुनानगर व चरखी दादरी की दो आशा वर्करों की मौत पर आशा वर्करों ने रोष जताया और आशा वर्करों ने लघु सचिवालय पर एकत्रित होकर पुलिस की ज्यादतियों व सरकार के दमन के खिलाफ नाराजगी जताई और रक्षाबंधन का त्योहार काले दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान उन्होंने गहरा दुख व्यक्त किया गया और उनकी याद में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यहां चल रहे धरने पर आशा वर्कर्स यूनियन की नेताओं सुषमा जडौला, चरणजीत कौर, सुमन सैनी सीवन, रोशनी खुरड़ा, सुरेंद्र कौर प्रधान गुहला, आशा मानस व अन्य कार्यकर्ताओं ने कहा कि आंदोलन के दौरान बिना महिला पुलिस के आशा वर्करों की पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के घरों पर पुलिस ने दबिश देकर नियमों का उल्लंघन किया है। यूनियन नेताओं ने यह भी कहा कि सरकार ने उन्हें जो जख्म दिए हैं उन्हें वे नहीं भूलेंगी। समय आने पर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से हिसाब लिया जाएगा। सभा में आशाओं के अलावा किसान नेता जयपाल, बलवंत धनौरी, भीम, ऋषी, नरेश कुमार, सावित्री आदि ने भी संबोधित किया।