चंडीगढ़, 2 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार द्वारा विधानसभा में पारित किए गए ‘संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2021’ पर राजभवन की मुहर लग गई है। राज्यपाल सत्यदेव नारायण ने इसे मंजूरी दे दी है। अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए जाएगा। राष्ट्रपति भवन की मुहर लगने के बाद विधेयक कानून का रूप लेगा और सरकार इसे राज्य में लागू कर देगी। विधानसभा के हालिया बजट सत्र के दौरान ही गठबंधन सरकार ने 18 मार्च को यह विधेयक पारित किया था।
विपक्षी दल कांग्रेस ने इस विधेयक का विरोध किया था। फरवरी-2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा तथा अगस्त-2017 में डेरा सच्चा सौदा हिंसा के बाद से ही सरकार इस तरह का कानून लागू करने के प्रयास में थी। लंबी जद्दोजहद तथा कई अन्य राज्यों में लागू कानून को स्टडी करने के बाद सरकार ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में 18 मार्च को यह विधेयक पेश किया। कांग्रेस के विरोध के बावजूद विधानसभा में ‘संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2021’ ध्वनि मत से पास कर दिया। कानून बनने के बाद दिल्ली बाॅर्डर पर चल रहा किसानों का आंदोलन भी इसकी जद में आएगा। सरकार ने विधानसभा में पास होने के बाद यह विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा। इस पर राज्यपाल सत्यदेव नारायाण आर्य ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
क्लेम ट्रिब्यूनल बनेगा
कानून के तहत नुकसान के मुआवजे के आवेदन पर निर्णय लेने के उद्देश्य से राज्य सरकार एक या एक से अधिक दावा अधिकरण (क्लेम ट्रिब्यूनल) का गठन करेगी। क्लेम ट्रिब्यूनल की अध्यक्षता हरियाणा सुपीरियर ज्यूडिशियल सर्विसेज के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी। इसकी नियुक्ति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से होगी। ट्रिब्यूनल में दो से अधिक सदस्य हो सकते हैं। ट्रिब्यूनल के अन्य सदस्य राज्य सरकार के अधिकारियों में से होंगे, जो अतिरिक्त उपायुक्त के रैंक से नीचे नहीं होंगे। ट्रिब्यूनल देयता का निर्धारण करेगा, उसके पास भेजे गए मुआवजे के दावों का आकलन करेगा और मुआवजा का मौद्रिक मूल्य निर्धारित करेगा। उसके बाद, उससे संबंधित या उसके अतिरिक्त उपयुक्त मुआवजे का अवार्ड करेगा। आंदोलन व प्रदर्शन में सरकारी व प्राइवेट भवनों को नुकसान पहुंचाने के अलावा सरकारी व निजी वाहनों व अन्य संपत्ति के नुकसान को विधेयक में कवर किया गया है।
लोकतंत्र का हत्यारा साबित होगा संपत्ति क्षति वसूली कानून : दीपेंद्र
चंडीगढ़, 2 अप्रैल (ट्रिन्यू)
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार द्वारा विधानसभा में पारित ‘संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2021’ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह कानून लोकतंत्र का हत्यारा कानून साबित होगा। इसके जरिये सरकार की मंशा सरकार के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने और आम आदमी को भयभीत करने की है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से असंवैधानिक है और सरकार इसे तुरंत वापस ले।
शुक्रवार को चंडीगढ़ से जारी बयान में दीपेंद्र ने कहा कि शांतिपूर्ण धरने व प्रदर्शन करना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। उन्होंने तंज कसा कि यह वही सरकार है, जो खुद सड़कें खुदवा कर, अपने कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण धरनों पर पथराव करवा कर देश की संपत्ति का नुकसान करती है। दीपेंद्र ने कहा कि सारे देश का पेट भरने वाला किसान और सीमा पर छाती तानकर देश की रक्षा करने वाला जवान देश की बहुमूल्य संपत्ति हैं। किसान आंदोलन में 300 से ज्यादा किसानों की जान चली गई।