रामकुमार तुसीर/निस
सफीदों, 5 सितंबर
उत्तर रेलवे की रोहतक-पानीपत-जींद शाखा पर अनेक यात्रियों, विशेषकर हाल्ट स्टेशनों से सवार होने वालों के लिए रेल का सफर ‘मजेदार’ हो गया है। ज्यादातर हाल्ट स्टेशनों पर टिकट उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि टिकट बिक्री ठेकेदार काम छोड़ चुके हैं।
रेल विभाग को इस रेलशाखा के हाल्ट वर्ग के रेलवे स्टेशनों के लिए टिकट बिक्री ठेकेदार सुलभ नहीं हो रहे हैं। विभाग इसके लिए पिछले कई वर्षों से प्रयास कर रहा है। पूर्व में काम कर रहे ठेकेदारों ने काम कई वर्ष से बंद किया हुआ है और इन स्टेशनों से यात्री बेटिकट यात्रा करने को विवश हैं जिनके पास बेटिकट सफर करने का एक अच्छा बहाना भी है। पूर्व के ठेकेदारों का कहना है कि टिकटों की बिक्री पर रेल विभाग की तरफ से उनके लिए जो भुगतान निर्धारित है वह दिहाड़ीदार मजदूर की मजदूरी के चौथे हिस्से से भी कम है। ऐसे ठेकेदारों ने बताया कि दशक भर पहले दिए गए दिए गए ठेके व नए ठेकेदारों के कमीशन में भारी भेदभाव है। इस दिशा में वे अनेक बार विभागीय अधिकारियों से मिल चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ तो सभी हाल्ट ठेकेदार टिकट बिक्री का काम छोड़कर अपने अन्य धंधे में लगे हैं। रेल विभाग से बताया गया कि कई बार हाल्ट स्टेशनों पर टिकट बिक्री ठेकेदारों की नियुक्ति के लिए नोटिस जारी किए गए लेकिन समस्या यह है कि कोई काम करने को तैयार नहीं। ऐसे में रेल टिकट उपलब्ध ना होने से ज्यादातर यात्री बिना टिकट यात्रा करते हैं और किसी बड़े स्टेशन से टिकट लिए हैं तो शिकायत रहती है कि यात्री गाड़ी के लिए मेलगाड़ी का न्यूनतम किराया 30 रुपए वसूला जा रहा है जो नाजायज है। क्षेत्र के अनेक पंचायत प्रतिनिधियों छापर के सरपंच जसपाल मान, मलार के सरपंच प्रमोद कुमार, सरपंच एसोसिएशन के प्रवक्ता अजीतपाल सिंह चट्ठा, आप के प्रदेश सचिव नरेद जांगड़ा का कहना है कि हाल्ट स्टेशन पर ठेकेदारों का कमीशन निर्धारित करके स्टेशन की संपत्ति की देखरेख के लिए उन्हें अतिरिक्त मासिक भुगतान किया जाए जो ऐसे लोगों के लिए रिटेनरशिप जैसा हो।
उधर दैनिक रेलयात्री संघ के प्रधान सतबीर पांचाल ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में अनेक चिट्ठियां रेल अधिकारियों को लिखी हैं। एक बार कई लोग डीआरएम को मिलने दिल्ली भी गए थे लेकिन वे मिले नहीं। अब फिर प्रयास करेंगे।