सफीदों (निस) : उत्तर रेलवे की जींद-पानीपत रेल शाखा पर रेल सेवा पिछले 11 माह से ठप होने के कारण पानीपत के उद्योगों में हर रोज मजदूरी को जाने वाले मजदूरों में अनेक लोग घर बैठने को विवश हैं। कारण यह है कि रेल सेवा बन्द है और निजी वाहन वाले आने-जाने का किराया 70 रुपये तक वसूल लेते हैं जो मजदूरों की दिहाड़ी का बड़ा हिस्सा है। दैनिक यात्री संघ के प्रधान सतवीर पांचाल ने बताया कि उन्होंने रेल मंत्री को जींद-पानीपत रेल शाखा पर यात्री गाड़ी चलाने की मांग का ज्ञापन तीन माह पहले भेजा था लेकिन अब तक यहां रेल सेवा को बहाल नहीं किया गया है। उनका कहना था कि इस रेल शाखा पर यात्री गाड़ी कोविड के कारण पिछले 11 माह से बंद रहने से पानीपत, दिल्ली आदि में रोजगार के लिए जाने वाले लोग अत्यंत परेशान हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।