बल्लभगढ़ (निस) : बल्लभगढ़ की एसडीएम अपराजिता ने बताया कि उपमंडल की अनाज मंडी, अन्य अनाज मंडियों और खरीद केंद्र पर गेहूं की खरीदारी निरंतर की जा रही है। मंडियों से गेहूं उठान का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। फरीदाबाद ओल्ड, बल्लभगढ़, मोहना, तिगांव और फतेहपुर बिलौच खरीद केंद्र में अब तक 11 लाख 26 हजार 550 क्विंटल खरीद की गई है जबकि 2 लाख 89 हजार 230 क्विंटल गेहूं का उठान किया गया है।
बल्लभगढ़ में सरकारी एजेंसियों द्वारा सरसों 4650 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं की 1975 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य/एमएसपी पर की जा रही है। जबकि सरसों प्राइवेट व्यापरियों द्वारा एमएसपी से अधिक लगभग 7 हजार रुपये से अधिक प्रति क्विंटल दामों पर खरीदी जा रही है।
एसडीएम अपराजिता ने बताया कि सरकार द्वारा गेहूं की खरीद के लिए 4 एजेंसियां और जौ व सरसों की खरीद के लिए एक-एक सरकारी एजेंसी घोषित की गई है। उपमंडल में गत एक अप्रैल से सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार किसानों की सरसों, जौ और गेहूं फसलों की जाने वाली खरीद की तैयारियां पूरी कर ली गई थी।
पुरानी मंडी में खरीद न होने से किसान-आढ़ती परेशान
सफीदों (निस) : गेंहू का एक-एक दाना खरीद किए जाने के सरकारी दावे और इस दिशा में जिला प्रशाशन के खरीद एजेंसियों को जारी निर्देशों के बावजूद यहां की पुरानी अनाजमंडी में गेहूं की खरीद नहीं की गई है जिससे किसान व कच्चा आढ़ती परेशान हैं।
मंगलवार को अनेक कच्चा आढ़ती व किसान मार्किट कमेटी के सचिव जगजीत से मिले जिन्होंने खरीद जल्दी शुरू कराने का आश्वासन दिया है। बता दें कि सरकार ने नयी अनाजमंडी चालू होने के बाद कई वर्ष पहले यहां की पुरानी अनाजमंडी को डीनोटिफाई कर दिया था लेकिन इस सीजन में कोरोना प्रकोप के कारण व किसानों के कच्चा आढ़तियों की सुविधा के लिए इस मंडी में गेहूं की खरीद करने का निर्णय लिया गया था जो आज तक अमल में नहीं लाया गया। आढ़ती विपिन जैन, विपुल जैन, बृजमोहन तायल, बिंटा जैन व प्रवीन जैन आदि आढ़तियों ने कहा कि पिछले 2 सप्ताह से मंडी में साफ-सुथरा व सूखा हुआ लाखों कट्टे गेहूं पड़ा हुआ है और खरीद न होने से किसान व कच्चा आढ़ती परेशान हैं।
नारनौंद अनाज मंडी में धीमी गति के उठान से आढ़ती परेशान

नारनौंद (निस) : नारनौंद आनाज मंडी में गेहूं की भारी आवक के चलते मंडी में कोई स्थान नहीं बचा है। इस कारण गेहूं को जेबीसी मशीन से ऊंचे ढेर लगाए जा रहे हैं। किसान भीमसेन, राजेंद्र, राजबीर, भारत, कुलदीप, भूपेंद्र, अशोक आदि ने बताया कि मौसम की मार से बचने के लिए बार-बार बदल रहे मौसम से भयभीत किसान अपनी गेहूं की फसल को जल्द से जल्द निकालकर मंडी में पहुंचाने के लिए मजबूर हैं। हैफड व एफसीआई द्वारा गेहूं की खरीद तो जोरदार की जा रही है। लेकिन उठान की गति धीमी होने के कारण आढ़ती परेशान हैं। आढ़ती सतबीर, महेंद्र आदि ने बताया कि गाड़ियों की कमी के चलते उठान ना होने से मंडी गेहूं से भरे कट्टों से अटी पड़ी है। मंडी प्रधान कुलदीप गौतम ने बताया कि धीमी लिफ्टिंग के चलते आढ़तियों को पिछली बार वाला भय सता रहा है। अगर पिछले वर्ष की भांति बारिश हुई और गेहूं भीग गई तो आढ़ती कहीं के नहीं रहेंगे।
किसानों को सता रही है अनाज भीगने की चिंता
गन्नौर (निस) : पिछले 3 दिनों से गन्नौर अनाज मंडी में गेहूं की खरीद न होने के बाद मंगलवार को हैफेड एजेंसी द्वारा गेहूं की खरीद की गई। शनिवार व रविवार को प्रशासन के आदेश पर अनाज मंडी बंद रही। सोमवार को बारदाना उपलब्ध नहीं करवाया गया, जिस वजह से तीसरे दिन भी मंडी में गेहूं की खरीद नहीं हुई थी। मंगलवार को हैफेड एजेंसी द्वारा अनाज मंडी में पड़े गेहूं की खरीद तो की गई, लेकिन गेहूं की लगातार आवक होने की वजह से सैकड़ों क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा है। गेहूं से भरी बोरियों शेड के नीचे प्लेटफार्म पर पड़ी हैं। बाकी अनाज खुले में है। पिछले दिनों भी हलकी फुलकी बूंदाबांदी हुई थी, जिस वजह से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। मंगलवार को फिर मौसम खराब हुआ तो किसानों व आढतियों को बरसात होने पर गेहूं भीगने की चिंता सताने लगी। आढ़तियों ने अपने स्तर पर अनाज को भीगने से बचाने के लिए तिरपाल की व्यवस्था की है।
समालखा मंडी लेकर जा रहे अनाज
आढ़तियों ने बताया कि इस सीजन में पहले हैफेड द्वारा गेहूं को रिजेक्ट किया गया। अब फूड एंड सप्लाई विभाग बारदाना उपलब्ध नहीं करा रहा। शनिवार व रविवार को मंडी बंद कर दी गई। काफी किसान अपना अनाज गन्नौर मंडी में लाने की बजाय समालखा मंडी में लेकर पहुंच रहे हैं। जिस वजह से पिछली बार की तुलना में इस बार उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है।
समस्याओं के चलते नूंह मंडी में नहीं हुई खरीद
नूंह/मेवात (निस) : नूंह अनाज मंडी में मंगलवार को गेहूं का एक दाना भी खरीद नहीं हुआ जबकि मंडी में 2 दिन के अवकाश होने से किसान लगातार अपनी उपज मंडियों में ला रहे हैं। जिले की मंडियां उठान, भुगतान व बारदाने आदि की समस्या से जूझ रही हैं। नूंह अनाज मंडी में बारदाना न होने की वजह से मंडी प्रबंधन ने आज गेट पास तक नहीं जारी किए जबकि पुन्हाना अनाज मंडी में एक व्यापारी व सरकारी खरीद एजेंसी के बीच बारदाना को लेकर तीखी झड़पें हो चुकी हैं। व्यापारियों ने सरकारी खरीद एजेंसी व मंडी प्रशासन पर खरीद व बारदाना आदि में भाई-भतीजावाद नीति अपनाने के आरोप मढ़े हैं। वहीं, जिला की मंडियां कई रोज से बारदाना की कमी से जूझ रही हैं। सूत्रों से पता चला है कि रसूखदार खरीज एजेंसी व मंडी प्रशासन से कथिततौर से मेल जोल करने वाले व्यापारियों को बारदाना व उठान का भरपूर समर्थन मिल रहा हैं।